जेम्स वेब टेलीस्कोप ने ली तस्वीर, शनि का चंद्रमा छोड़ रहा पानी के फव्वारे

ह्यूस्टन। शनि हमारे सौर मंडल में सबसे ज्यादा चांद वाला ग्रह है। इसी में एक छोटा चांद है इंसीलेडस। इसके ध्रुव से पानी के बड़े-बड़े…

James Webb telescope captured the picture, water fountains leaving Saturn's moon

ह्यूस्टन। शनि हमारे सौर मंडल में सबसे ज्यादा चांद वाला ग्रह है। इसी में एक छोटा चांद है इंसीलेडस। इसके ध्रुव से पानी के बड़े-बड़े फव्वारे छूट रहे हैं, जिनकी लंबाई अंतरिक्ष में कई किमी तक है। हाल ही में जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप ने इसकी तस्वीर ली है। इंसीलेडस इन फव्वारों के साथ जैविक और रासायनिक कण फैला रहा है, जिनसे जीवन की संभावना खोजी जा सकती हैं। 

नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की प्लैनेटरी एस्ट्रोनॉमर सारा फैगी कहती हैं कि ये विशालकाय फव्वारे हैं। दरअसल, इंसीलेडस के क्रस्ट में मौजूद तरल बर्फीले समुद्र को सूरज की गर्मी भाप बनाती है। इससे शनि ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से अक्सर ऐसे फव्वारे छूटते दिखते हैं।

सबसे पहले 2008 में देखे गए थे फव्वारे 

साल 2008 से 2015 के बीच नासा के कैसिनी स्पेसक्राफ्ट ने इस चांद के फव्वारों को देखा तो वैज्ञानिक हैरान रह गए। स्पेसक्राफ्ट में लगे मास स्पेक्ट्रोमीटर ने जीवन को पैदा करने वाले जैविक कणों यानी ऑर्गेनिक मॉलिक्यूल्स को इन फव्वारों के साथ निकलते देखा। इसके अलावा मॉलीक्यूलर हाइड्रोजन, कार्बन डाईऑक्साइड, मीथेन और पत्थरों के टुकड़े भी निकलते देखे गए।

इंसीलेडस के समुद्र में जीव! 

कैसिनी के ऑब्जर्वेशन से पता चलता है कि इंसीलेडस के समुद्र में रहने योग्य हाइड्रोथर्मल वेंट्स हैं। जैसे हमारी धरती के समुद्रों की गहराइयों और अंधेरे में कुछ गुफाएं हैं। इतनी गहराइयों और अंधेरे में मीथैनोजेन्स रहते हैं। वो जीव जो मीथेन गैस से जिंदा रहते हैं, क्योंकि यहां तक सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती। इनकी वजह से ही धरती पर भी जीवन की शुरुआत हुई थी। इंसीलेडस पर भी मीथैनोजेन्स हो सकते हैं। वहां के समुद्र में भी सूक्ष्म जीव हो सकते हैं।

(Also Read- टेलिस्कोप ने खींची सूर्य की अद्भुत तस्वीरें, दिखे पृथ्वी से भी बड़े काले सनस्पॉट्स)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *