Cyber Fraud: अपडेट होती तकनीक के साथ ही जहां सुविधाएं बढी है तो वही इसका नुकसान भी देखने को मिलता है. आए दिन साइबर ठगी के कई मामले सामने आते है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है जोधपुर एम्स में कार्यरत एक महिला डॉक्टर के साथ,नीदर लैंड के ठग पर भरोसा कर उससे दोस्ती करना इस महिला डॉक्टर को ऐसा भारी पडा की महिला डॉक्टर ने अपने 18 लाख पए गवा दिए. महिला डॉक्टर ने नीदरलैंड के ठग पर भरोसा कर उससे दोस्ती कर ली. व्हाट्सएप पर चैटिंग चलती रही और बात शादी तक पहुंच गई. ठग ने महिला डॉक्टर की मासूमियत का फायदा उठाते हुए उसे अपने जाल में फंसाया और खुद की जरूरत को पूरा करने के लिए उससे पैसे मंगवाने लगा.
18 लाख रूपए गवाए तब पता चला आरोपी निकला ठग
पीड़िता ने भी जीवन साथी की मदद करने की आस में पैसे भेजती रही. इसके बाद जब उसके 18 लाख रुपए चले गए तो उसे पता चला कि जिसे वह जीवन साथी समझ रही है वह तो ठग है. अब महिला डॉक्टर ने पुलिस में रिपोर्ट देकर दूर देश में बैठे आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की गुहार की है.
इस तरह एप के जरिए की ठगी
डॉ. अनुष्का शुक्ला वैद्य ने पुलिस को दी रिपोर्ट में बताया कि ऑनलाइन बम्बल एप के जरिये उसकी नीदरलैंड के उट्रेच निवासी आकाश जोशी 15 अक्टूबर को जान-पहचान हुई थी. तब उसने अपने आप को डॉक्टर व कार्डियोलॉजिस्ट बतलाया व अपने आप को एक ही प्रोफेसन का व्यक्ति बताया, जिसके कारण मैंने उस पर विश्वास कर हम दोनों ने व्हाट्स एप के जरिये बातचीत करना शुरू किया था. इससे हम दोनों के मध्य जान-पहचान हो गई. उस पर पूर्ण रूप से विश्वास करने लगी व हमारी बात शादी करने तक पहुंच गई.
इस तरह बनाया ठगी का शिकार
पीडिता द्वारा दी गई शिकायत के मुताबिक, डॉ. आकाश ने 22 अक्टूबर को मुझे व्हाट्स एप पर कॉल कर मदद की गुहार की. बताया कि उसका प्राइम ट्रस्ट सेविंग बैंक का खाता फ्रीज हो चुका है और इस वक्त में इस्तांबुल में हूं. जहां वह अपने क्लीनिक के लिए मेडिकल उपकरण खरीद करने के लिए आया हुआ है. उसने सम्पूर्ण मेडिकल उपकरण का बिल का भुगतान कर दिया गया है. परन्तु मेडिकल उपकरण के शिपिंग चार्जेज और होटल चार्ज के लिए उसके पास अब पैसे नहीं बचे हैं. इसके लिए उसने पैसों की मदद मांगी. पीड़िता ने ठग पर विश्वास कर पैसे भेजने शुरू कर दिए. ये खाते रायबरेली व इंदौर के थे.इस पर अब पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है.
पहली बार 9 लाख कराए थे ट्रांसफर
पीडित की माने तो इन दोनों खातों में उसने व मेरे दोस्त डॉ. गौरव सिंह ने कुल मिलाकर 9,890 यूरो यानी भारतीय मुद्रा के अनुसार, लगभग 09 लाख रूपये विभिन्न तारीखों को ट्रांसफर किए थे. इसके बाद 28 अक्टूबर को डॉ. आकाश का मेरे पास व्हाट्स एप कॉल आया. तब उसके द्वारा मुझे यह सूचना दी गई कि मैंने अपने खाते में रोकड़ राशि प्राइम ट्रस्ट सेविंग बैंक में जमा करवाये हैं, जिससे में आपको उक्त राशि कुल 9,890 यूरो के बदले 20,000 यूरो अधिक यानी 30,000 यूरो ट्रांसफर कर दिए हैं, क्योंकि आपके द्वारा मेरे बुरे वक्त में मदद करने से आपको अधिक राशि ट्रांसफर की गई है.