(पंकज सोनी) : जयपुर। प्रदेश में हाल ही में पुलिस की तरफ से आदतन अपराधियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन वज्र प्रहार (Operation Vajra Prahar) के बाद प्रदेश में हिस्ट्रीशीटर्स की नई लिस्ट में 11 हजार 303 बदमाशों को शामिल किया गया है। इस सूची में कुख्यात अपराधियों की श्रेणी में कई वीआईपी जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। इसमें केंद्र सरकार में कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का नाम बाड़मेर के बालोतरा थाने से और गहलोत सरकार के मंत्री गोविंदराम मेघवाल का नाम बीकानेर के जेएनवीसी थाने में आदतन अपराधियों की सूची में शामिल किया गया है.
वहीं हाल ही में मंत्री परिषद से बर्खास्त किए गए राजेंद्र गुढ़ा भी गुढ़ागौड़जी थाने में और बीटीपी के विधायक रामप्रसाद डूंगरपुर के चितरी थाने में आदतन अपराधियों की सूची में शुमार हैं।
सूची में पुलिस ने अपराधियों के नाम, पते और संपत्ति का विवरण भी तैयार किया है, जिसे थानों में तैयार किए गए रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। साथ ही इस सूची को ऑनलाइन भी पुलिस विभाग की वेबसाइट में आम जनता को सावधान करने के लिए डाला गया है। पुलिस की वेबसाइट में इन वीआईपी हिस्ट्रीशीटर्स की फोटो भी लगाई गई है। पुलिस की इस सूची में सांसद, विधायकों के साथ कुल मिलाकर 54 ऐसे जनप्रतिनिधियों के नाम है, जो पदों पर है। इनमें जिला परिषद एक, नगर परिषद का 9, 15 पंचायत समिति सदस्य, सात सरपंच, तीन उप सरपंच, उप प्रधान एक शामिल हैं। नगर पालिका सादड़ी के नेता प्रतिपक्ष राकेश भी पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर है।
सबसे ज्यादा उदयपुर में हिस्ट्रीशीटर
पुलिस विभाग के पोर्टल पर जारी आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश में सबसे ज्यादा 1863 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट उदयपुर रेंज में खुली हुई है। जोधपुर रेंज में 1696 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट के साथ दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा जयपुर रेंज में 1349, कोटा रेंज में 1496, बीकानेर रेंज में 1110 और भरतपुर रेंज में 932, जयपुर कमिश्नरेट में 919, जोधपुर कमिश्नरेट में 919 आदतन अपराधी को पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर की सूची में शामिल किया है।
हिस्ट्रीशीट यानी नाम-पता, परिवार समेत हर अपराध की जानकारी
छोटे-बड़े अपराध करते हुए जब कोई अपराधी बड़ी वारदात को अंजाम देता है तो पुलिस के लिए सिर दर्द बन जाता है। वह बार-बार अपराध करता रहता है। गंभीर अपराध होने पर पुलिस उसकी हिस्ट्री शीट खोल देती है। इसमें अपराधी का इतिहास होता है। उसका नाम, पता, उम्र सहित पूरे परिवार, उसके हाथों की गई वारदातों, फिं गर प्रिंट, पैरों के निशान समेत हर गतिविधि का विवरण दर्ज कर लिया जाता है। अब इन अपराधियों की चल-अचल संपत्तियों के अलावा कामकाज का विवरण भी दर्ज किया जा रहा है।
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