जयपुर। राजधानी के जनाना अस्पताल में डिलीवरी कराने आई महिला की बिना बताए नसबंदी करने का मामला सामने आया है। पता चलने पर महिला के परिजन नेसिंधी कैंप थाने में लापरवाही का मामला दर्ज कराया है। परिजन का आरोप है कि चिकित्सक ने मनमर्जी से उसकी पत्नी की नसबंदी कर दी। वहीं, चिकित्सक पवन कुमार अग्रवाल ने कहा कि महिला की सहमति पर ही नसबंदी की गई है।
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धोखे से चिकित्सक ने कराए हस्ताक्षर
रामसिंह ने बताया कि डिलीवरी के बाद पूनम को वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। दो दिन बाद चिकित्सक पवन कु मार अग्रवाल ने लापरवाही छिपाने के लिए पत्नी व परिवारजनों को बताया कि आपके पुत्री हुई है। इसलिए आपको सरकार से पचास हजार रुपए का अनुदान मिलेगा। इसलिए आपके हस्ताक्षर की आवश्यकता है। यह बताते हुए पूनम से छलपूर्वक हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद 24 जुलाई को अस्पताल से फोन कर रामसिंह को बताया गया कि आपकी पत्नी का नसबंदी का ऑपरेशन किया गया है।
डिलीवरी के समय जन्मदिन मनाने में व्यस्त थे डॉक्टर और स्टाफ!
थानाधिकारी जयमल सिंह ने बताया कि मकराना के कुकड़ोद निवासी रामसिंह राजपूत ने मामला दर्ज कराया कि उनकी पत्नी पूनम कं वर को डिलीवरी के लिए जनाना अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वार्ड के इंचार्ज डॉ. पवन कु मार अग्रवाल थे। रामसिंह ने आरोप लगाया कि जब डिलीवरी हो रही थी उस समय वार्ड में किसी का जन्मदिन मनाया जा रहा था। डॉ. पवन व अन्य केक काट रहे थे।
पूनम की ऑपरेशन से डिलीवरी की गई। इस दौरान डॉक्टर व अन्य जन्मदिन में इतने व्यस्त थे कि उन्होंने प्रसूता की नसबंदी कर डाली। उस समय पूनम बेहाशी की हालात में थी। महिला की नसबंदी को लेकर कोई सहमति नहीं ली। परिजनों से भी नसबंदी को लेकर कोई सहमति नहीं ली गई और सूचना भी नहीं दी गई।
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सहमति से की नसबंदी
मेरा वार्ड है, लेकिन जब ऑपरेशन हुआ, तब मैं नहीं था। मैंने इस मामले की जानकारी ली है। परिजन गलत बोल रहे हैं। परिजनों को दो-तीन बार बुलाया था, वह नहीं आए। महिला की सहमति और
साइन करने पर नसबंदी की गई है। डॉ. पवन कु मार अग्रवाल, जनाना अस्पताल, चांदपोल
महिला की नसबंदी को लेकर मामला दर्ज हुआ है। मामले की जांच की जा रही है। जयमल सिंह, थानाधिकारी, सिंधी कैंप