मुख्य सचिव के दौरे और निर्देशों का कोई असर नहीं…टाइम पर ऑफिस नहीं पहुंच रहे कर्मचारी-अधिकारी

जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत की कार्यशैली से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सरकारी दफ्तरों में देरी से पहुंचने वाले अफसरों के…

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जयपुर। राजस्थान के मुख्य सचिव सुधांश पंत की कार्यशैली से अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। सरकारी दफ्तरों में देरी से पहुंचने वाले अफसरों के प्रति मुख्य सचिव काफी सख्ती से पेश आ रहे हैं। शुक्रवार को भी मुख्य सचिव सुधांश पंत प्रशासनिक सुधार विभाग (एआरडी) की टीम के साथ कई ऑफिसों में निरीक्षण करने पहुंचे।

एआरडी) की टीम ने जयपुर नगर निगम, किशनपोल जोन ऑफिस, गणगौरी बाजार स्थित सरकारी हॉस्पिटल और रामगंज स्थित डिस्पेंसरी में जाकर कर्मचारियों-अधिकारियों की उपस्थिति देखी। मुख्य सचिव सुधांश पंत के औचक निरीक्षण दौरान कई कर्मचारी-अधिकारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचे।

एआरडी की टीम सुबह 9.45 बजे नगर निगम के किशनपोल जोन पहुंची। वहां जाकर देखा तो हालात बहुत खराब मिले। यहां आधे से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी ऑफिस ही नहीं पहुंचे। कुछ कर्मचारियों-अधिकारियों के चैंबर पर तो ताले लगे हुए मिले। टीम के लोगों ने जब वहां मौजूद निचले स्टाफ से पूछा तो वे जवाब नहीं दे सके। जोन के डिप्टी कमिश्नर पूजा मीणा अधिकारी खुद समय पर नहीं आई। इसके अलावा एक्सईएन समेत दूसरे अधिकारी भी मौके पर नहीं पहुंचे।

यहां भी कर्मचारी-अधिकारी नरादर मिले

इसके बाद एआरडी की टीम ने जयपुर के गणगौरी बाजार स्थित सरकारी हॉस्पिटल और रामगंज स्थित डिस्पेंसरी का भी औचक निरीक्षण किया। जहां उन्हें कर्मचारियों, डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की उपस्थिति संतोषजनक मिली।

बता दें कि दो दिन पहले बुधवार को भी एआरडी की टीम ने नगर निगम के सिविल लाईन्स जोन, कावंटिया हॉस्पिटल, विद्याधर नगर स्थित आरटीओ ऑफिस, पीएचईडी के ऑफिसों का औचक निरीक्षण किया था। यहां भी टीम को 394 अराजपत्रित में से 49 कर्मचारी, 110 में से 11 राजपत्रित अधिकारी अनुपस्थित मिले थे।

गौरतलब है कि राजस्थान की भजनलाल सरकार सुशासन को सुनिश्चित करने के लिए लगातार फरमान जारी कर रही है। सीएम भजनलान ने राजस्थान के सभी दफ्तरों में समय पालन और अनुशासन की पालना को सुनिश्चित करने के लिए चेताया है। इसके तहत मुख्य सचिव के निर्देश के बाद कार्मिक विभाग ने नया आदेश जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि कर्मचारी समय की पालना और अनुशासन को सुनिश्चित करें। अन्यथा कर्मचारी को खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। नए फरमान में कहा गया है कि कर्मचारी सुबह 9 बजे आएं और शाम 6 बजे तक वहीं रहें। ड्यूटी टाइम में पार्क में घूमने, काम के प्रति लापरवाही बरतने की अपनी आदत को सुधारे। सेक्सन में नियंत्रण अधिकारी को बिना बताए अनावश्यक छुट्‌टी लेने की प्रवृति से बाहर निकले। फाइलों के काम समय निस्तारण करें। काम को अनाश्यक पेडिंग ना रखें।