अरुणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर तैनात जवान भागचंद गुर्जर शहीद हो गए। दरअसल सेना का वाहन गहरी खाई में गिर गया था। जिससे उसमें सवार भागचंद गुर्जर शहीद हो गए। वे भारतीय सेना की 21वीं राजपूत बटालियन में नायब सूबेदार के पद पर तैनात थे। बीते बुधवार को उनका पार्थिव शरीर गुवाहाटी से जयपुर पहुंचा, जिसके बाद आज अजमेर के किशनगढ़ स्थित उनके पैतृक गांव टोकड़ा में उनकी पार्थिव देह पहुंची। भागचंद गुर्जर की शहादत पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त की।
श्रद्धांजलि देने बड़ी संख्या में उमड़े लोग
शहीद का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव में पहुंचा, वैसे ही ग्रामीणों की आंखे नम हो गईं, परिवार वालों का तो रो-रोकर बुरा हाल हो गया। शहीद भागचंद गुर्जर के अंतिम संस्कार में शामिल होने और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस औऱ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। उन्होंने शहीद की पार्थिव देह पर फूल अर्पित किए। सांसद भागीरथ चौधरी, विधायक सुरेश टांक, जिला सरपंच संघ अध्यक्ष हरिराम बाना, सभापति दिनेश सिंह राठौड़ सहित जनप्रतिनिधियों ने पुष्पचक्र अर्पित किए।
वहीं अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग उमड़े। वे सभी अंतिम बार अपने गांव के शहीद के दर्शन करना चाहते थे। यात्रा में चलते हुए उन्होंने भारत माता की जय, वंदे मातरम के जयकारे लगाए, जिससे पूरा टुकड़ा गांव गूंज उठा।
10 वर्षीय बेटे यश ने दी शहीद पिता को मुखाग्नि
शहीद जवान के दो मासूम बच्चे हैं। 10 वर्षीय यश और 7 वर्षीय लक्ष्मी ने अपने शहीद पिता को नमन किया। इसके बाद उनके बेटे यश ने अपने छोटे से हाथों से शहीद पिता को मुखाग्नि दी। यह नजारा देख कर हर किसी की आंखों से बरबस आंसू बह पड़े। वहीं शहीद जवान के पिता को सम्मान पूर्वक तिरंगा सौंपा गया। तिरंगे में लिपटे अपने वीर बेटे की शहादत को उनके पिता ने भी नम आंखों से सलाम किया। इस दौरान तीन राउंड फायर कर शहीद को राजकीय सम्मान के साथ सलामी दी गई।