भरतपुर के डीग के पसोपा गांव में अवैध माइनिंग के खिलाफ आंदोलनरत साधुओं में से एक बाबा विजय दास ने खुद को आग के हवाल कर दिया। घटना स्थल पर मौजूद लोगों और पुलिसकर्मियों ने किसी तरह आग को बुझाय़ा और आनन-फानन राज बहादुर मेमोरियल अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है।
वहीं आंदोलनरत एक और साधु बाबा नारायणदास पिछले 30 घंटों से टॉवर पर चढ़े हुए थे। जिन्हें काफी समझाने के बाद नीचे उतार लिया गया है। माहौल की गंभीरता को समझते हुए संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा ने भरतपुर के 5 कस्बों में इंटरनेट बंद कर दिया। आज भी भरतपुर के डीग, नगर, कामां, पहाड़ी और सीकरी कस्बे में ब्रॉडबैंड और नेट पूरी तरह से बंद है।
CM आवास के बाहर आत्मदाह की चेतावनी फिर भी गंभीरता से नहीं ली गई बात
इससे पहले 17 जुलाई को आंदोलन कर रहे साधुओं में से एक बाबा हरिबोल ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि मेरी मृत्यू की जिम्मेदार राजस्थान सरकार होगी। बाबा हरिबोल की इस चेतावनी के बाद आंदोलन स्थल पर पुलिस जाब्ता लगाया गया। लेकिन आज बाबा विजय दास ने खुद को आग लगा ही ली और आत्मदाह जैसी गंभीर चेतावनी के बाद भी पुलिस और प्रशासन ने में से कई भी उन्हें ऐसा करने से नहीं रोक पाया।
इसके अलावा बीते सोमवार यानि 18 जुलाई को साधु संतों की पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह से मुलाकात की थी। जिसके बाद विश्वेंद्र सिंह ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन साधुओं का कहना था कि कोई फैसला अब होगा तो बात बनेगी। हालांकि उनके बीच हुई बातचीत के बाद उन्होंने आत्मदाह स्थगित कर दिया था। लेकिन इसके अगले ही दिन मंगलवार को श्री कृष्ण की क्रीड़ास्थली में खनन पर रोक और उसे वन क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर बाबा नारायण दास मोबाइल टावर पर चढ़ गए। बाबा ने कहा कि मामले में मेरे हक में फैसला होता है तो मैं नीचे उतर जाउंगा।
खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा- कानूनी रूप से हल निकालेगी सरकार
ब्रज क्षेत्र में अवैध खनन को लेकर साधु-संतों के विरोध पर प्रदेश के खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि सभी माइनिंग होल्डर्स को खनिज विभाग से लीज मिली ही है, उन्हें अचानक ऐसे ही वहां से नहीं हटा सकते। फिर भी साधु-संतों की आस्था को देखते हुए माइनिंग होल्डर्स को शिफ्ट करने के बारे में सरकार सोच रही है। इस मामले में पहले भी साधु-संतों ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से बातचीत की थी। जिसके बाद प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से इस मामले में हस्तक्षेप कर समस्या के समाधान करने को कहा था। सरकार इस समस्या के हल के लिए कानूनी रास्ता निकाल रही है।
आखिर क्यों हो रहा है आंदोलन?
भरतपुर के डीग क्षेत्र में साधुओं का यह आंदोलन करीब 551 दिनों से चल रहा है। साधु-संतों का कहना है कि यहां पर कनकाचल और आदि बद्री पर्वत स्थित है जो कि उनकी आस्था के प्रतीक हैं। जबकि यहां पर खनन माफिया अवैध माइनिंग में लगे हुए हैं। जिन्हें बचाने के लिए साधु आंदोलनरत हैं।