कोटा। ओलावृष्टि से हुई फसल खराबी के मुआवजे पर सियासत परवान पर है। आज विधानसभा में भाजपा ने सत्ता पक्ष को आ़डे हाथ लिया तो अब भारतीय किसान संघ ने कर्जमाफी को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा है। संघ ने कहा है कि पहले किसान को प्रकृति ने मारा अब सरकार उसका शोषण कर रही है। सत्ता में आने के बाद यह सरकार किसानों को भूल गई। पिछले 4 साल से लगातार किसानों की फसल चौपट हो रही है। लेकिन ना तो किसान को बीमा क्लेम मिल पा रहा है और न ही फसल खराबे का मुआवजा ही मिल पा रहा है।
पहले प्रकृति की मार…अब सरकार की मार
भारतीय किसान संघ के प्रांत प्रवक्ता आशीष मेहता, प्रदेश मंत्री जगदीश कलमंडा, जिलाध्यक्ष गिरिराज चौधरी ने बयान जारी कर कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों की कर्जमाफी के नाम पर सत्ता में आई थी। आशीष मेहता ने कहा की राज्य सरकार बीमे का पूरा प्रीमियम कंपनियों को जमा नहीं करा रही है। जिसके कारण से किसानों को बीमा कवर से वंचित रहना पड़ रहा है। वहीं लगातार 4 साल से फसल खराब हो रहा है। इस वर्ष भी लगातार अतिवृष्टि, ओलावृष्टि और असमय वृष्टि के कारण किसान बर्बाद हो गया है।
बीमा राशि में से मुआवजा राशि को काटकर मिल रहा पैसा
सरकार के इशारे पर प्रशासन खराबे को कम बताता है। जिसके कारण से किसानों को पूरा मुआवजा नहीं मिल पाता। सरकार संवेदनहीन बनकर किसान की बर्बादी को चुपचाप देख रही है। बूंदी में किसान की आत्महत्या के बावजूद सरकार का कोई मंत्री किसान के घर नहीं गया। उन्होंने कहा कि सरकार बीमा राशि में से मुआवजा राशि को काटकर किसानों को दे रही है। जबकि किसान बीमा का प्रीमियम अलग जमा कराता है और मुआवजा राशि केंद्र सरकार जारी करती है।
विधानसभा में भाजपा ने किया वॉकआउट
बता दें कि आज भाजपा ने विधानसभा में मंत्री के मुआवजे को लेकर दिए गए जवाब के विरोध में हंगामा किया था। भाजपा विधायकों का कहना था कि मुआवजा राशि किसानों को पूरी नहीं मिल रही है।बीमा क्लेम मुआवजा राशि को काटकर दिया जा रहा है। जिसे मंत्री ने गलत बताया इस पर लगभग 20 मिनट पर विधानसभा में जबरदस्त हंगामे की स्थिति बनी रही। भाजपा विधायकों ने सदन से वॉकआउट भी कर दिया था।