Moon Mission : नई दिल्ली। रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट क्रैश होने के बाद भारत के चंद्रयान-3 पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई है। चंद्रयान-3 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे चांद पर लैंडिंग करेगा। चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने में 70 घंटे से भी कम का समय शेष बचा है। ऐसे में लैंडिंग के लिए सुरक्षित जगह की तलाश की जा रही है। क्योंकि चंद्रयान-3 ने जो नई तस्वीरें भेजी हैं, उनमें दिख रहा है कि चंद्रमा पर जगह-जगह गहरी खाइयां और छोटे-बड़े गड्ढे है। अगर सब कुछ सही रहा तो भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
वैसे तो चंद्रमा पर अब तक कुल 110 मिशन हो चुके हैं, जिनमें 42 असफल हुए हैं। लेकिन, पिछले चार साल की बात करें तो चार देशों ने चांद पर पहुंचने का प्रयास किया और चारों ही असफल हो गए। साल 2019 से अब तक भारत सहित इजरायल, जापान और रूस ने चांद पर उतरने की कोशिश की थी। हालांकि, चांद की सतह तक पहुंचने के बाद इनके सपने चूर-चूर हो गए थे। क्योंकि चांद की सतह पर लैंडिंग से पहले ही इन चारों देश के यान क्रैश हो गए थे।
जानें-कौनसे देश का यान कब हुआ क्रैश?
इजरायल : मून मिशन के तहत इजरायल ने अपना पहला यान बेयरशीट साल 2019 में 21 फरवरी को लॉन्च किया था। यान ने 4 अप्रैल को चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था। लेकिन, 11 अप्रैल को इसराइल का बेयरशीट लैंडर चांद पर उतरने की कोशिश के दौरान क्रैश हो गया था।
भारत : भारत ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 में लॉन्च किया था। लेकिन,7 सितंबर 2019 को चंद्रयान-2 का संपर्क विक्रम लैंडर से उस वक्त टूट गया था, जब वो चांद की सतह से 2.1 किमी दूर था। इसके बाद लैंडर चांद पर ही क्रैश हो गया था।
जापान : जापान ने लैंडर हकूतो-आर को साल 2022 में 12 दिसंबर को लॉन्च किया था। लेकिन, साल 2023 में 25 अप्रैल की रात चांद पर उतरने से पहले ही लैंड रोवर से संपर्क टूट गया था।
रूस : रूस ने 11 अगस्त 2023 को लूना-25 लॉन्च किया था। लूना-25 शनिवार को लैंडिंग की तैयारी में था। तभी वह चंद्रमा की सतह से टकराकर क्रैश हो गया था। इससे पहले तकनीकी खराबी के चलते लूना-25 से संपर्क टूट गया था।
इन तीन देशों के नाम पर चांद पर सफल लैंडिंग का रिकॉर्ड
बता दें कि अभी चांद पर सफल लैंडिंग का रिकॉर्ड अमेरिका, चीन और सोवियत संघ के नाम है। लेकिन, भारत अगर सफल रहा तो वह चांद पर पहुंचने वाला चौथा देश बन जाएगा। वैसे तो रूस ने मून मिशन में सबसे पहले बाजी मारी थी। लेकिन, अमेरिका ने इतिहास रचा था। सोवियत संघ (रूस) ने 2 जनवरी, 1959 में लूना-1 अंतरिक्षयान चांद भेजा था। लेकिन, लूना 2 मिशन कामयाब हुआ था। वहीं, अमेरिका ने 20 जुलाई 1969 को चांद पर कदम रखकर इतिहास रच दिया था। इस मामले में चीन भी इन दोनों देशों से कम नहीं है। चीन ने साल 2013 में चांग ई-3 को पहली ही बार में सफलतापूर्वक चांद पर उतारा था। साल 2019 में चांग-ई4 भी चांद पर उतरने में सफल रहा था।
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