जब भी दिल की बात हो तो चांद का जिक्र हो ही जाता है। अब सवाल ये है कि ऐसे हसीन चांद का दिल कैसा होगा? तो इसका जवाब शायद उतना अच्छा न लगे। दरअसल, वैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया कि चंद्रमा अंदर से कठोर है। हाल ही में यह शोध हुआ है, जिससे पता चला है कि चंद्रमा का कोर एक ठोस गोले की तरह है। इसका घनत्व लोहे जैसा है। इस खोज से उस बहस पर विराम लग सकता है कि चंद्रमा अंदर से ठोस है या पिघला हुआ है। साथ ही, इससे चंद्रमा के इतिहास को और भी बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
स्पेस मिशनों और लूनर प्रयोगों से लिया डेटा
फ्रेंच खगोलशास्त्री और शोध के मुख्य लेखक आर्थर ब्रियाड का कहना है कि हमारे पास चंद्रमा का सेस्मिक डेटा है। उनकी टीम ने चांद की अलग-अलग विशेषताओं की प्रोफाइल बनाने के लिए स्पेस मिशनों और लूनर लेजर प्रयोगों से डेटा लिया। इसके बाद, अलग-अलग कोर के प्रकारों के साथ मॉडलिंग की, ताकि यह पता लग सके कि कौन सा डेटा ऑब्जर्वेशन से सबसे ज्यादा मैच करता है।
चंद्रमा की बाहरी कोर तरल
शोध से वैज्ञानिकों को काफी रोचक जानकारी मिली। शोध के मुताबिक चंद्रमा का कोर पृथ्वी की ही तरह है। बाहरी परत तरल है, जबकि आंतरिक कोर ठोस है। बाहरी कोर का रेडियस लगभग 362 किमी और आंतरिक कोर का लगभग 258 किमी है। यह चंद्रमा की रेडियस का लगभग 15 प्रतिशत है। टीम को पता लगा कि आंतरिक कोर का घनत्व भी लगभग 7,822 किग्रा प्रति क्यूबिक मीटर है। यह लोहे के घनत्व के काफी करीब है।
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