‘सफेद कमीज’ बताने वालों को गहलोत का सीधा संदेश… दाग नहीं छिपने दूंगा

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधायकों से अमित शाह को पैसा लौटाने और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सरकार बचाने में सहयोग वाले बयान ने जयपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गरमा दिया है।

ashok gehlot 12 | Sach Bedhadak

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विधायकों से अमित शाह को पैसा लौटाने और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सरकार बचाने में सहयोग वाले बयान ने जयपुर से लेकर दिल्ली तक चर्चाओं का बाजार गरमा दिया है। जानकार मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री गहलोत ने बयान से एक तीर से कई निशाने साधे हैं। सबसे पहले नाम लिए बिना सचिन पायलट के भ्रष्टाचार को लेकर चलाए जा रहे अभियान की यह कह कर हवा निकाल दी कि सरकार गिराने की एवज में जो करोड़ों रुपए लिए गए उन्हें वापस करें। यही नहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर हमला बोल पायलट के साथ चल रही जुगलबंदी को भी उजागर कर डाला। 

एक तरह से गहलोत ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपनी कमीज सफेद बताने वालों को सीधा संदेश दे दिया कि दाग छिपा नहीं पाओगे। जहां तक राजे को लेकर मुख्यमंत्री ने जो कुछ बोला वह भी सोची समझी राजनीति का हिस्सा माना जा रहा है। अभी तक विरोधी कहते रहते थे कि मुख्यमंत्री गहलोत और राजे के बीच अच्छी ट्यूनिंग है। गहलोत ने पहली बार स्वीकारा कि 2020 में उनकी सरकार पूर्व सीएम राजे की वजह से बची थी। हालांकि, राजे ने इस बयान को गलत करार दिया।

गड़बड़ाई भाजपा की रणनीति 

जानकार मान रहे हैं कि गहलोत ने बयान यूं ही नहीं दिया। उनके बयानों से बीजेपी की रणनीति गड़बड़ा गई है। बीजेपी की अभी तक की रणनीति यही दिख रही थी कि पीएम मोदी के चेहरे पर भ्रष्टाचार को मुद्दा बना गहलोत सरकार को घेरा जाएगा। सचिन पायलट अपनी पार्टी से अलग जिस तरह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजे को टारगेट कर अपनी सरकार के खिलाफ अभियान चला रहे हैं उसे बीजेपी की ही रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। मतलब बीजेपी एक तीर से गहलोत और राजे के खिलाफ माहौल बना रही थी। प्रधानमंत्री मोदी 10 मई की रैली में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राजस्थान में चुनावी अभियान की शुरुआत करते उससे पहले मुख्यमंत्री गहलोत ने 2020 की घटना को उजागर कर बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।

पैसे लेने वाले विरोधियों की बढ़ेगी मुश्किल

जग जाहिर है कि उस समय पायलट ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए डेढ़ दर्जन विधायकों के साथ मिल अपनी ही सरकार गिराने की नाकाम कोशिश की थी। इसके बाद उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया गया। गहलोत और पूरी कांग्रेस ने उस समय बीजेपी पर सरकार गिराने का सीधा आरोप लगाया था। गहलोत बराबर कहते भी आ रहे थे बीजेपी ने 10 से 20 करोड़ रुपए बागी विधायकों को बांटे थे। इस बात के सबूत भी राहुल गांधी को दिए। राहुल भी मानते हैं कि 2020 में राजस्थान सरकार गहलोत की वजह से बची वर्ना मध्यप्रदेश की तरह सरकार चली गई थी। तीन साल बाद गहलोत ने दो दिन पहले राजाखेड़ा में जो कु छ कहा उसमें कु छ भी गलत नहीं है, क्योंकि बीजेपी ने आज तक गहलोत के आरोपों का कभी कोई खंडन नहीं किया। पहली बार कें द्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर इतने गंभीर आरोप लगे हैं। मुख्यमंत्री के आरोपों से सचिन पायलट समेत उन सभी विधायकों की भी मुश्किलें बढ़ेंगी, जिन्होंने पैसे लिए हैं।

विरोधियों के दमन के लिए कीचड़ उछाल रहे सीएम 

केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि वसुंधरा राजे को लेकर मुख्यमंत्री गहलोत का बयान गैर जिम्मेदाराना और अपना हित साधने के लिए दिया गया है। यह बयान मुख्यमंत्री ने अपने ही दल में अपने विरोधियों को संदेश देने के लिए दिया है। शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री को पूरे खुलासे के साथ बताना चाहिए कि कब, कहां और किस तरह से उनकी सरकार बचाने में सहयोग किया गया। केन्द्रीय मंत्री ने दो टूक कहा कि अपने राजनीतिक हितों के लिए अपने विरोधियों का दमन करने के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालने की परम्परा राजस्थान में नहीं थी।

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