जयपुर। प्रदेश में रह रहे हिंदू शरणार्थियों के बच्चों को भजनलाल सरकार स्कॉलरशिप देगी। जुलाई में आने वाले राज्य के बजट में सीएम इसकी घोषणा कर सकते हैं। बजट से पहले इसका डेटा जुटाने का काम किया जा रहा है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टरों को चिट्ठी लिखकर ऐसे परिवारों और उनके बच्चों की सूची मांगी है। दरअसल पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से बड़ी तादाद में आए हिंदू शरणार्थी परिवार राज्य में रह रहे हैं। हर देश से आए हिंदू शरणार्थियों के बच्चों को स्कॉलरशिप मिलेगी। स्कूलों में पढ़ रहे हिंदू विस्थापितों के सभी बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
चुनाव घोषणा-पत्र में बीजेपी ने किया था वादा
बीजेपी ने विधानसभा चुनावों से पहले अपने चुनाव घोषणा-पत्र में हिंदू शरणार्थी परिवारों की छात्र-छात्राओं को स्कॉलरशिप देने की घोषणा की थी। चुनाव घोषणा-पत्र में मुख्यमंत्री शरणार्थी कल्याण योजना शुरू करने की घोषणा की थी। अब सरकार में आते ही हिंदू शरणार्थी परिवारों के बच्चों को स्कॉलरशिप देने की घोषणा को पूरा करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।
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पहले नागरिकता, अब स्कॉलरशिप
हिंदू शरणार्थी परिवारों को सीएए के तहत राजस्थान में नागरिकता मिलने की शुरुआत हो चुकी है। अब चुनावी घोषणा पत्र के वादे के अनुसार शरणार्थी परिवारों के बच्चों को स्कॉलरशिप देने पर काम शुरू किया गया है।
शरणार्थियों में 50 हजार से ज्यादा पाक विस्थापित परिवार
प्रदेश में 1990 के बाद आए 50 हजार से ज्यादा पाक विस्थापित परिवार हैं। इनमें से करीब 20 हजार परिवारों को नागरिकता मिल चुकी है। करीब 30 हजार परिवारों को नागरिकता मिलना बाकी है। इन परिवारों को अब सीएए के तहत नागरिकता मिलेगी। प्रदेश के बाड़मेर, जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, गंगानगर जिलों में सबसे ज्यादा पाक विस्थापित परिवार रहते हैं। इन परिवारों में पढ़ने वाले बच्चों को अब स्कूल से कॉलेज शिक्षा तक पढ़ने के लिए स्कॉलरशिप मिलेगी।
इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट की योजना पर भी हो काम
पाक विस्थापित शरणार्थियों के लिए लंबे समय से काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता और सीमा लोक संगठन के अध्यक्ष हिंदू सिंह सोढ़ा ने कहा- शरणार्थी परिवारों के सभी बच्चों को तुरंत स्कॉलरशिप देनी चाहिए। स्कॉलरशिप के साथ-साथ शरणार्थी परिवारों के इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट की योजना पर काम होना चाहिए। शरणार्थी परिवारों के बच्चों के सामने एडमिशन में भेदभाव खत्म करना चाहिए, उन्हें कई स्तरों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार को इस मामले में बहुत ही उदार दिल से काम करने की जरूरत है, ये बहुत ही सताया हुआ वंचित वर्ग है।
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