अंकारा। इंडोनेशिया और सोलोमन आइलैंड के बाद अब उत्तर-पश्चिम तुर्किये में आज सुबह 5.9 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए। यही नहीं भूकंप के बाद कम से कम 35 झटके महसूस किए गए जिससे लोगों में अभी भी दहशत का माहौल है। वहीं अभी तक बिजली और संचार की सुविधाएं बहाल नहीं की गई हैं। हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की कोई जानकारी नहीं मिली है। सरकार की ओर से संचालित आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्रेसीडेंसी ने यह जानकारी दी है।
सुबह 4 बजे आय़ा भूकंप, घरों से निकल कर भागे लोग
एजेंसी ने बताया कि भूकंप का केंद्र इस्तांबुल से करीब 200 किलोमीटर पूर्व में डुजसे प्रांत के गोलकाया शहर में था। सुबह 4:08 मिनट पर आए भूकंप के झटके इस्तांबुल, राजधानी अंकारा और देश के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए। भूकंप के बाद कम से कम 35 झटके और महसूस किए गए। डुजसे के मेयर फारुक ओजलू ने निजी टेलीविजन चैनल एनटीवी को जानकारी देते हुए बताया कि भूकंप से इलाके की बिजली गुल हो गई और लोग दहशत में घरों से बाहर निकल आए।
वहीं गृह मंत्री सुलेमान सोयलु ने बताया कि डर की वजह से बालकनी या खिड़कियों से नीचे कूद जाने और अन्य कारणों से कुछ लोग घायल हो गए। इन लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से एक ही हालत बेहद गंभीर है। बता दें कि तुर्किये भूकंप के प्रति बेहद संवेदनशील माना जाता है। डुजसे में इससे पहले साल 1999 में जबरदस्त भूकंप आया था, जिसमें लगभग 800 लोग मारे गए थे।
इंडोनेशिया में मरने वालों की संख्या हुई 268.. 151 अभी भी लापता
वहीं इंडोनेशिया के जावा में आए भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 268 हो गई, क्योंकि ढही इमारतों के मलबों से और शव निकाले गए। अभी भी 151 लोग लापता हैं। राष्ट्रीय आपदा राहत एजेंसी के प्रमुख सुहरयांतो ने जानकारी देते हुए बताया कि 5.6 तीव्रता के भूकंप में अभी तक 1083 लोग घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मारे गए लोगों के अलावा 300 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और कम से कम 600 से अधिक लोगों को मामूली चोटें आईं हैं।
राष्ट्रपति ने किया प्रभावित इलाकों का दौरा
उधर, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने बीते मंगलवार को सियांजुर का दौरा किया और लोगों को जरूरतमंदों तक सरकार द्वारा मदद पहुंचाए जाने का भरोसा दिया। जकार्ता से भोजन, तंबू, कंबल और अन्य सामान ले जाने वाले मालवाहक ट्रक अस्थायी आश्रयों में मंगलवार तड़के पहुंचे। फिर भी हजारों लोगों ने भूकंप के बाद के झटकों के भय से रात खुले में गुजारी। उधर, अस्पतालों में मरीजों की भीड़ है। मरीज बाहर लगे टेंट में स्ट्रेचर पर लेटे हुए उपचार करा रहे हैं।
भूकंप के बाद से 25 बार महसूस किए गए थे कंपन
बता दें कि जावा में आए भूकंप का केंद्र राजधानी जकार्ता से दक्षिण-पूर्व 75 किमी दूर सियांजुर शहर में था। भूकंप के चलते अभी तक शहर में बिजली और संचार सुविधाएं बहाल नहीं की गई हैं। क्योंकि जब से भूकंप आया है तब से करीब 25 से ज्यादा बार कंपन महसूस किया गए थे। दूसरी तरफ क्यूजेनांग इलाके में भूकंप के बाद जो भूस्खलन हुआ है उसके चलते लोगों को अभी सुरक्षित स्थान पर नहीं ले जाया जा सका था। लेकिन धीरे-धीरे अब हालात सामान्य करने की कोशिश की जा रही है।
सोलोमन में भी आया था 7.3 तीव्रता का भूकंप
दूसरी तरफ सोलोमन आईलैंड में भी बीते मंगलवार को जबरदस्त भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिएक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.3 मापी गई थी। हालांकि अभी तक यहां किसी तरह के जानमाल की नुकसान की खबर नहीं आई है। लेकिन अब आइलैंड में अब सुनामी की चेतावनी जारी की गई है।