प्रदेश सरकार के मंत्रियों और अफसरों में अब खींचतान बढ़ती जा रही है। मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के अफसरों को लेकर दिए गए बयानों पर आइएएस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा था। इस पर अब आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों ने भी अपनी सहमति दे दी है। अब खबरें आ रही हैं कि ये अधिकारी मिलकर निंदा प्रस्ताव ला सकते हैं।
मुख्यमंत्री को जल्द भेजा सकता है प्रस्ताव
बता दें कि इस मामले को लेकर आइएएस अधिकारियों की आपात साधारण बैठक हुई थी। जिसमें इस निंदा प्रस्ताव को पारित करने की चर्चा हुई थी। जानकारी है कि अभी तक इस प्रस्ताव पर 140 अधिकारियों ने अपनी सहमति प्रदान की है। आइएएस, आइएफएस, आइपीएस एसोसिएशन मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से मिलकर सीएम के पास इस प्रस्ताव को भेजने की तैयारी कर रहे हैं।
वहीं ऊषा शर्मा से उन्होंने कहा कि मंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं जिससे अधिकारियों का हतोत्साहित होते हैं वे खुलकर काम नहीं कर सकते, उन्हें अपमानित करने से उनके कार्य में फर्क आ सकता है। जो कि विभाग और सरकार दोनों के लिए घातक है। इससे अधिकारी का तो अपमान होता ही है, सरकार की छवि भी खराब होती है। इसलिए अधिकारियों में इसे लेकर नाराजगी है।
मंत्री रमेश मीणा ने बीकानेर के डीएम को फटकारा था
बता दें कि मंत्री रमेश मीणा ने झुंझुनूं दौरे के दौरान बीकानेर के डीएम को बैठक के बीच कड़ी फटकार लगाई थी। इस मामले का एक वीडियो भी जारी हुआ था जिसमें रमेश मीणा जब भाषण दे रहे थे तो बीकानेर कलेक्टर फोन पर कुछ काम कर रहे थे। जो कि रमेश मीणा ने देख लिया था। इस पर मंत्री रमेश मीणा कलेक्टर पर बौखला गए थे और उन्हें गेट आउट बोलकर बाहर का रास्ता दिखा दिया था।
परसादी लाल मीणा ने दौसा में एसपी से कहा था – निकम्मी है आपकी पुलिस
हाल ही में मंत्री परसादी लाल मीणा ने दौसा में पुलिस अधिकारियों की बैठक में भी पुलिस को लेकर विवादित बयान दे दिया था। इसमें उन्होंने एक मामले को लेकर एसपी से कह दिया था कि आपकी पुलिस निकम्मी है। ऐसे लोगों को पोस्टिंग ही क्यों देते हो। इस बयान पर भी उस वक्त काफी बवाल मचा था। अब आइपीएस अधिकारियों ने भी आइएएस अधिकारियों के इस पत्र का समर्थन किया है, इसे परसादी लाल के पुलिस पर दिए इस बयान से भी जोड़कर देखा जा रहा है। तो वहीं उन्होंने दौसा में ही एक मीटिंग के दौरान एक अधिकारी को फटकार लगा दी थी, जानकारी के मुताबिक विधायक कोष से स्वीकृत हुए कार्यों में लेटलतीफी को लेकर मंत्री परसादी लाल मीणा ने जिला परिषद के सीईओ को बाहर चले जाने को कह दिया था।