होशियारपुर। भारतीय रेलवे किस हद तक लापरवाह हो गई है इसका आपको अंदाजा भी नहीं है। अगर हम कहें कि ट्रेनें कहां जा रही हैं उसमें कौन सवार है इसकी परवाह तक रेलवे कर्मचारियों को नहीं है। ऐसा इसलिए कह रहे है क्योंकि एक मालगाड़ी ट्रेन करीब 80 किलोमीटर तक बिना ड्राइवर के रेलवे ट्रैक पर दौड़ती रही और किसी को कोई खबर ही नहीं थी। एक बार फिर रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
जम्मू-कश्मीर के कठुआ से कंक्रीट से लदे 53 कंटेनरों वाली एक मालगाड़ी (14806R) रविवार सुबह बिना ड्राइवर-गार्ड के चल कर पंजाब पहुंच गई। करीब 78 किलोमीटर तक मालगाड़ी ऐसे ही दौड़ती रही। रेलवे को जब घटना की सूचना मिली तो हड़कंप मच गया। इस दौरान ट्रेन की 80 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती रही। अधिकारियों ने होशियारपुर के ऊंची बस्सी रेलवे स्टेशन पर लकड़ी के स्टॉपर लगाकर उसे रोका गया। घटना के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जांच के आदेश दिए हैं। रेलवे ने घटना पर सख्ती बरतते हुए जांच शुरू कर दी है। इस घटना का सोशल मीडिया पर वीडियो भी सामने आया है।
चाय पीने इंजन से नीचे उतरा था पायलट
शुरुआती जांच में पता लगा है कि पायलट कठुआ रेलवे स्टेशन पर चाय पीने के लिए उतरा था। पायलट मालगाड़ी का इंजन स्टार्ट कर बिना हैंड ब्रेक लगाए नीचे उतर गया था। पठानकोट की तरफ ढलान होने की वजह से मालगाड़ी चल पड़ी। जब इस बात की जानकारी रेलवे के अधिकारियों को पता चली तो ट्रेन को कठुआ रेलवे स्टेशन पर रोकने की कोशिश की गई, लेकिन वह सफल नहीं हुए। वहीं कुछ देर में मालगाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली। देखते ही देखते मालगाड़ी की रफ्तार 80/KM प्रति घंटे तक पहुंच गई।
अधिकारियों में मचा हड़कंप
बिना ड्राइवर के मालगाड़ी दौड़ने की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। 80 की स्पीड से बिना ड्राइवर के दौड़ती ट्रेन को रोकने में अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए। कठुआ रेलवे स्टेशन के अधिकारियों ने इसके बाद तुरंत पंजाब के पठानकोट में सुजानपुर रेलवे स्टेशन के रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया। लेकिन, वहां भी ट्रेन को रोकने की कोशिश की गई। बार-बार कोशिश विफल रही और मालगाड़ी स्टेशन क्रॉस कर गई। इसके बाद मालगाड़ी को पठानकोट कैंट, कंडरोड़ी, मीरथल, बंगला और मुकेरियां में भी रोकने की कोशिश की गई। धीरे-धीरे मालगाड़ी की रफ्तार कम होती चली गई। आखिर में होशियारपुर के ऊंची बस्सी रेलवे स्टेशन पर लगाए गए लकड़ी के स्टॉपर से मालगाड़ी रुक गई। फिलहाल गनीमत रही कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।
जम्मू रेलवे स्टेशन के निदेशक और मंडल यातायात प्रबंधक, प्रतीक श्रीवास्तव ने कहा, रेलवे को मुकेरियां के ऊंची बस्सी में मालगाड़ी ट्रेन को रोकने के लिए अपने सभी कर्मचारियों को सतर्क करना पड़ा। यह घटना कैसे हुई, यह जानने के लिए कठुआ स्टेशन पहुंचे श्रीवास्तव ने कहा, “दोषी पाए जाने पर लोको पायलट के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जाएगी।”
रेलवे ने दिए जांच के आदेश
अधिकारी ने कहा, ‘फिलहाल, हम घटना के पीछे के कारणों की जांच कर रहे हैं। स्थानीय जांच के अलावा, रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दिए हैं। हम विस्तृत जांच करेंगे और सख्त कार्रवाई करेंगे और साथ ही यह सुनिश्चित करेंगे कि ऐसा भविष्य में न हो’ उन्होंने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मालगाड़ी बिना लोको पायलट के थी।
श्रीवास्तव ने कहा, “अब लोको पायलट इंजन पर क्यों नहीं था और ट्रेन अपने आप कैसे चलने लगी, इन सभी पहलुओं की जांच की जाएगी।” हालांकि डीटीएम ने कहा कि रेलवे ने ट्रेन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया।
ट्रेन रोके जाने पर स्टाफ की सराहना की
उन्होंने कहा, “हमने सभी स्टेशनों को सतर्क किया और पूरे स्टाफ को तैनात कर दिया। ट्रेन को किसी भी दुर्घटना से बचाने और उसे सुरक्षित पड़ाव पर लाने के लिए एक रेल ट्रैक तैयार किया गया। हम सफल हुए और ट्रेन को आखिरकार मुकेरियां के उच्छी बस्सी में रोक दिया गया।” श्रीवास्तव ने बिना किसी हादसे के ट्रेन रोके जाने के लिए स्टाफ की सराहना की है।