एलन मस्क ने ट्विटर को खरीदते ही कंपनी में बड़े फेरबदल करने शुरू कर दिए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की कमान संभालते ही उन्होंने सबसे पहले ट्विटर के सीईओ पराग अग्रवाल तथा उनके साथ दो अन्य वरिष्ठतम सहयोगियों को कंपनी से निकाल दिया है। अब कंपनी की रेवेन्यू बढ़ाने और प्रीमियम सर्विस के सब्सक्रिप्शन्स के लिए भी उन्होंने नई गाइडलाइन बनाने पर काम स्टार्ट कर दिया है।
ट्विटर के कर्मचारियों को दिया नोटिस
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मस्क ट्विटर को पूरी तरह से चेंज करना चाहते हैं। संभवतया यही कारण है कि वे इसे पब्लिक से प्राइवेट कंपनी बना रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों को अल्टीमेटम देते हुए Twitter Paid Verification की डेडलाइन को पूरा करने के निर्देश दे दिए हैं। साथ ही उन्होंने कहा है कि जो कर्मचारी ऐसा नहीं कर पाएंगे, उन्हें जॉब से निकाल दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: सिर्फ 14000 रुपए में घर लाएं सवा लाख रुपए की TVS Apache RTR 160 बाइक, जानिए क्या है ऑफर
ब्लू टिक के लिए देने होंगे 1650 रुपए
ट्विटर ने अपने यूजर्स को ब्लू टिक देने के लिए सब्सक्रिप्शन मॉडल लागू किया हुआ है। इसमें यूजर का वेरिफिकेशन होने के बाद उसे 90 दिनों के अंदर प्रीमियम सर्विस का सब्सक्रिप्शन लेना होता है। इसके लिए फीस भी ज्यादा नहीं रखी गई थी। परन्तु कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब यूजर्स को Blue Tick Subscription के लिए 20 डॉलर (भारतीय मुद्रा में करीब 1650 रुपए तक) प्रतिमाह खर्च करने पड़ सकते हैं। अब कंपनी वेरिफिकेशन के लिए भी चार्ज करेगी और जल्दी ही इसे पूरे विश्व में लागू कर दिया जाएगा।
इस सर्विस को अमरीका सहित कुछ देशों में शुरू कर दिया गया है और कर्मचारियों को इसी ब्लू टिक वेरिफिकेशन के लिए 7 नवंबर तक का समय दिया गया है। जो कर्मचारी तय समयसीमा में अपना टारगेट पूरा नहीं कर पाएंगे, कंपनी उनकी छुट्टी कर देगी। मस्क के इन आदेशों के कारण कंपनी के कर्मचारियों में खलबली मची हुई है।
यह भी पढ़ें: अब WhatsApp, Facebook और Instagram का प्रयोग करने के लिए भी देने पड़ेंगे पैसे!
क्या है ब्लू टिक सब्सक्रिप्शन सर्विस
यह ट्विटर की प्रीमियम सर्विस है जिसे लगभग एक वर्ष पूर्व कंपनी ने लॉन्च किया था। इस सर्विस के जरिए कंपनी अपना रेवेन्यू बढ़ाने की योजना पर काम कर रही थी और प्रीमियम सर्विस का सब्सक्रिप्शन लेने वाले यूजर्स को कुछ एक्स्ट्रा फीचर्स दिए जाते हैं जो आम यूजर्स को नहीं मिलते हैं। उन्हें विज्ञापनमुक्त सेवा दी जाती है जबकि आम यूजर्स जिनके पास इस सर्विस का प्रीमियम सब्सक्रिप्शन नहीं है, को कई तरह के विज्ञापन देखने होते हैं।