गुजरात के मोरबी में हुआ हादसा अब शायद आने वाले चुनाव में बड़ा मुद्दा बन सकता है। क्योंकि चुनाव के ऐन वक्त पर इस तरह का हादसा होना राज्य के शासन प्रशासन की सख्ती पर सवाल खड़े कर रहा है। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने तो यहां तक कह दिया है कि कि यह मानव निर्मित त्रासदी है। उन्होंने इस हादसे के लिए सीधे तौर पर राज्य सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है।
सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी सरकार फिटनेस सर्टिफिकेट के बगैर उनको लोगों के इस्तेमाल के लिए कैसे खोल सकती है। उन्होंने इसकी इजाजत कैसे दी सुरजेवाला ने यहां तक आरोप लगाया कि बीजेपी आचार संहिता लगने से पहले कुछ भी कर वोट बटोरने की फिराक में लगी हुई है। रणदीप सुरजेवाला के सवाल वाजिब भी है क्योंकि मोरबी में हुआ पुल का यह हादसा छोटा नहीं है इसमें अब तक 132 लोगों की जानें जा चुकी है व यह आंकड़ां अभी और बढ़ सकता है। जो कि कोई छोटी बात नहीं है। जाहिर है पॉलिटिकल पार्टियां इसे अपने-अपने हिसाब से इस्तेमाल करेंगी। कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भी मोरबी पहुंचेंगे। उनके साथ राजस्थान के पूर्व चिकित्सा मंत्री और गुजरात चुनाव प्रभारी रघु शर्मा भी मौजूद रहेंगे। अशोक गहलोत मोरबी में मृत और घायल हुए लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। अशोक गहलोत ने भी इस मामले में तुरंत निष्पक्ष जांच बैठाने की मांग की है और दोषियों की सजा दिलाने को भी कहा है उन्होंने कहा कि मोरबी हादसे में कांग्रेस पार्टी भी अपनी तरफ से हर संभव मदद करेगी।
इमोशनल कार्ड खेल सकती हैं मुख्य विपक्षी दल
मोरबी हादसे को मुद्दा बनाकर चुनाव में उछालने की बात इसलिए भी कही जा रही है क्योंकि चुनाव के इस दौर में पॉलिटिकल पार्टियां सत्ता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है और ताबड़तोड़ दौरा कर जनता को जनता से समर्थन देने की अपील कर रही हैं। मोरबी का हादसा भावनात्मक रूप से लोगों से जुड़ चुका है। इसलिए अब इस मामले में इमोशनल कार्ड भी खेला जा सकता है।
कांग्रेस ने गुजरात के मोरबी में हुए इस हादसे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि भाजपा इसे दैवीय घटना बता रही है लेकिन यह धोखाधड़ी के अलावा और कुछ भी नहीं है। यह मानव निर्मित त्रासदी है। गुजरात की भाजपा सरकार इस अपराध की सीधे-सीधे दोषी है। यहां पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री पर मृतक लोगों के परिजनों को मुआवजे के रूप में 2 लाख रुपए देने पर भी कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री गुजराती भाई बहनों की जिंदगी की कीमत सिर्फ 2 लाख रुपए लगा रहे हैं। इससे वे अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री और मोरबी विधायक को बताना होगा कि जब यह पुल 26 अक्टूबर को ही मरम्मत खोला गया तो फिर पीछे आ गया। कांग्रेस ने भाजपा पर सीधे-सीधे पुल की मरम्मत का काम बीजेपी के कनेक्शन का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता बीवी श्रीनिवास भी एक वीडियो प्रधानमंत्री मोदी के बयान का जिक्र किया है। जब साल 2016 में पश्चिम बंगाल में इलेक्शन से पहले ही पुल गिरने का हादसा हुआ था, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि यह भगवान की ओर से इशारा है कि किस तरह से सरकार चलाई जा रही है। इस पर श्रीनिवास बीवी ने कहा कि अब क्या प्रधानमंत्री गुजरात की भाजपा सरकार पर इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल करेंगे। क्या वे यह मानेंगे कि उनकी भाजपा सरकार ही मोरबी में मारे गए इतने लोगों के जिम्मेदार है।
गुजरात मॉडल पर लगा प्रश्नचिह्न
मोरबी हादसे के आरोप-प्रत्यारोप में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि आम आदमी भी कूद पड़ी है। आम आदमी पार्टी के विधायक नरेश बाल्यान ने बीजेपी सरकार घेरते हुए कहा कि मोरबी में भ्रष्टाचार की निशानी बना पुल टूट गया जिससे 400 से अधिक लोग पानी में गिर गए और कम से कम 150 लोगों की मौत हो गई। उन्होंने भाजपा सरकार पर भ्रष्ट होने का आरोप लगाया और कहा कि भ्रष्टाचारियों ने पैसे की लूट मचा दी है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भाजपा का एक विधायक यमुना में घूम रहे हैं। अब इस घटना को सुनकर वे कहां अपना मुंह छुपाएंगे।
आप विधायक बाल्यान ने कहा कि गुजरात में किस तरह का विकास हुआ है और क्या मॉडल देश के सामने रखा जा रहा है, यह खुलकर सामने आ रहा है। इस पापी सरकार ने किस तरह पैसा खाकर लोगों को इस आफत में डाला है अब जनता यह सब समझ रही है। बाल्यान ने मोरबी पुल हादसे में मारे गए लोगों की संख्या पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि गुजरात सरकार मृत लोगों के आंकड़े छुपा रही हैं। असल में करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, लेकिन सरकार सिर्फ 132 ही इसकी संख्या बता रही है। यह और कुछ भी नहीं इसे सरकार की नाकामी छुपाना कहते हैं।
साल 1880 में बना था पुल
बता दें कि बीते रविवार गुजरात के मोरबी के मच्छु नदी पर बना पुल हादसे का शिकार हो गया। शाम करीब 6:30 बजे यह पुल टूट गया जिस समय यह हादसा हुआ उस वक्त पुल पर करीब ढाई सौ लोग मौजूद थे। जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे। पुल टूटने से लोग नदी में गिरी इस हादसे में काफी लोगों की मौत हुई। दूसरी तरफ इनके अलग-अलग आंकड़े भी सामने आ रहे हैं। गुजरात सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अभी तक सिर्फ 132 लोगों की मौत हुई है वहीं कई मीडिया रिपोर्ट्स 141 से लेकर यह आंकड़ा 150 दिखा रही हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
वहीं गुजरात सरकार ने हादसे में पीड़ित परिवारों को मुआवजे की घोषणा भी की है। पीड़ित परिवारों को 6 लाख रुपए देने का ऐलान हुआ है। बता दें कि अभी तक 177 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। इस बचाव और राहत कार्य में करीब 200 से ज्यादा एनडीआरएफ, नौ सेना और एयरफोर्स के अधिकारी और जवान इस मिशन में लगे हुए हैं। दरअसल इस पुल की मरम्मत के बाद 4 दिन पहले ही खोला गया था। इसकी मरम्मत में करीब 8 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। इस पुल का इतिहास करीब 150 साल पुराना है। इसका निर्माण साल 1880 में हुआ था। उस वक्त इसे बनाने में करीब 3 लाख रुपए खर्च हुए थे। उस समय इस पुल का उद्घाटन मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेंपल ने किया था। यह पिछले 6 महीने से मरम्मत की वजह से बंद था। जिसकी मरम्मत के बाद इसे 4 दिन पहले ही लोगों के लिए खोला गया था।
इस पुल पर रोज करीब पर्यटक घूमने आते थे। क्योंकि यह पुल केबल से बना हुआ था व हवा में झूलता था। कल रविवार होने के अवसर पर बड़ी संख्या में काफी लोग इस पुल पर घूमने आए थे। इस पुल पर एक साथ करीब 500 लोग जमा हुए थे, जबकि पुल की अधिकतम क्षमता डेढ़ सौ लोगों की है। इसलिए यह पुल टूट कर नदी में गिर गया।