अपनी तकनीकों के लिए मशहूर जापान ने एक नया कारनामा कर दिखाया है। जापान ने दुनिया का पहला लकड़ी से बना सैटेलाइट तैयार किया है। इसे लिग्नोसैट नाम दिया गया है
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नासा ने ली राहत की सांस!, सुनी खोए वॉयजर के ‘दिल की धड़कन’
अरबों किलोमीटर दूर स्थित एक पुराने सैटेलाइट से संपर्क कट जाने के बाद अब धरती के वैज्ञानिकों ने राहत की सांस ली है।
View More नासा ने ली राहत की सांस!, सुनी खोए वॉयजर के ‘दिल की धड़कन’वैज्ञानिक हैरान: मंगल ग्रह से मिला एक बड़ा सरप्राइज
वैज्ञानिकों ने इस टेस्ट के बाद यह समझा कि मंगल ग्रह की सतह के नीचे इसी तरह का कोई जीव पनप रहा है और गहरी नींद में है, जो यहां की कठोर परिस्थितियों को झेल सकता है।
View More वैज्ञानिक हैरान: मंगल ग्रह से मिला एक बड़ा सरप्राइजरूसी वैज्ञानिक का दावा, ‘एलियंस हमें समझते हैं बैक्टीरिया!’
अमेरिका और रूस हर मामले में एक दूसरे के पारंपरिक प्रतिद्वंदी रहे हैं। हर जगह दोनों देशों ने एक दूसरे को पछाड़ने में अपना सबकुछ…
View More रूसी वैज्ञानिक का दावा, ‘एलियंस हमें समझते हैं बैक्टीरिया!’अंतरिक्ष में अब तक का सबसे जोरदार धमाका, रोशनी को धरती तक पहुंचने में लगे 1.9 अरब साल
इस जीआरबी का निर्माण तब हुआ जब 2.4 अरब प्रकाश वर्ष दूर सगीत्ता तारामंडल में एक बड़ा सितारा ब्लैक सुरनोवा में तब्दील हो गया और ब्लैक होल बना।
View More अंतरिक्ष में अब तक का सबसे जोरदार धमाका, रोशनी को धरती तक पहुंचने में लगे 1.9 अरब सालकभी हमारी पृथ्वी जैसा ही था मंगल, सूक्ष्म जीवों की एक हरकत ने कर दिया सब खत्म
जीवन के तत्व ब्रह्मांड में हर जगह मौजूद हैं, लेकिन ग्रह की सतह पर रहने योग्य परिस्थितियों में जीवन की अक्षमता इसे तेजी से विलुप्त कर देती है।
View More कभी हमारी पृथ्वी जैसा ही था मंगल, सूक्ष्म जीवों की एक हरकत ने कर दिया सब खत्मआकाश में इसलिए टिमटिमाते हैं तारे
रात को इसी की वजह से कई खगोलीय पिंड हमें धुंधले और कभी कभी दिखते हैं। इस परिघटना को खगोलीय जगमगाहट कहते हैं और आम बोलचाल में इसे तारों का टिमटिमाना कहते हैं।
View More आकाश में इसलिए टिमटिमाते हैं तारेमंगलयान की गुपचुप विदाई, ग्रहण लगने से बैटरी हुई खत्म
मार्स ऑर्बिटर यान ने लगभग आठ वर्षों तक काम किया, जबकि इसे छह महीने की क्षमता के अनुरूप बनाया गया था। उन्होंने कहा, इसने अपना काम (बखूबी) किया और महत्वपूर्ण वैज्ञानिक परिणाम प्राप्त किए।
View More मंगलयान की गुपचुप विदाई, ग्रहण लगने से बैटरी हुई खत्मअब तक की सबसे बड़ी खोज! मंगल ग्रह पर मिले तरल पानी के सबूत
फ्रांसिस बुचर ने कहा कि बेहद कम तापमान में भी अगर साउथ पोल के नीचे पानी द्रव अवस्था में है तो संभवतः वह खारा पानी होगा।
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