वैज्ञानिकों को एक नया सबूत मिला है जो संकेत देता है कि मंगल ग्रह पर पानी मौजूद हो सकता है। इस अध्ययन में रडार से इतर डेटा का इस्तेमाल किया गया है। यह दिखाता है कि मंगल के साउथ पोलर आइस कैप के नीचे द्रव पानी मौजूद हो सकता है। यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि चंद्रमा के बाद अब वैज्ञानिकों की नजरें मंगल पर ही हैं।
डॉ. फ्रांसिस बुचर ने कहा, ‘यह स्टडी मंगल पर द्रव पानी की मौजूदगी के बारे में अब तक के सबसे अच्छे संकेत देती है। खोजते समय हम जिन सबूतों की तरफ ध्यान देते हैं उनमें से दो सबसे प्रमुख अब मंगल पर पाए गए हैं।’ इस दिशा में इसे अब तक की सबसे बड़ी खोज माना जा रहा है।
क्या पहले मंगल पर संभव था जीवन!
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फ्रांसिस बुचर ने कहा कि बेहद कम तापमान में भी अगर साउथ पोल के नीचे पानी द्रव अवस्था में है तो संभवतः वह खारा पानी होगा। जिससे किसी भी सूक्ष्य जीव के लिए उसमें जीवित रह पाना मुश्किल होता होगा। अतीत में अधिक रहने योग्य वातावरण था जब जलवायु अपेक्षाकृ त कम कठोर थी। वैज्ञानिकों ने आइस कैप की ऊपरी सतह की जांच के लिए स्पेसक्राफ्ट के लेजर-अल्टीमीटर माप का इस्तेमाल किया।
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तापमान -140 डिग्री सेल्सियस
वैज्ञानिकों ने पाया कि ये पैटर्न उस कंप्यूटर मॉडल की भविष्यवाणियों से मेल खाते हैं, जिसमें बताया गया था कि कै से आइस कैप के नीचे मौजूद पानी सतह को प्रभावित कर सकता है। मंगल पर तापमान औसतन -62 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन ध्रुवों पर सर्दियों में यह -140 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।
पृथ्वी की ही तरह मंगल के दोनों ध्रुवों पर मोटी बर्फ की परतें मौजूद हैं। इनका आयतन ग्रीनलैंड की बर्फ की चादर के बराबर है। हालांकि पृथ्वी की बर्फ की चादरों के विपरीत लाल ग्रह की आइस कैप पूरी तरह जमी हुई मानी जाती हैं।