बूंदी। राजस्थान के बूंदी में 15 वर्षीय नाबालिग से गैंगरेप कर हत्या के मामले में 2 दरिंदों को मिली फांसी की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट ने पोक्सो कोर्ट के आरोपियों की फांसी की सजा के फैसले को पलटते हुए राज्य सरकार की डेथ रेफरेंस को खारिज कर दिया है। राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पंकज भंडारी की खंडपीठ ने आरोपियों को रिहा करने के आदेश दिए है।
बता दें कि 23 दिसंबर 2021 की शाम को बूंदी में आरोपियों ने 15 साल की नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप को अंजाम देने के बाद पत्थर से कुचलकर उसकी हत्या कर दी गई गई थी। आरोपियों ने नाबालिग लड़की की हत्या कर शव जंगल में फेक दिया था। पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची तो बच्ची की बॉडी न्यूड पड़ी थी। बॉडी को देखकर पुलिस भी हैरान रह गए थे। पुलिस भी सोच में पड़ गई थी कि कोई कैसे ऐसी हरकत कर सकता है। यह रेयर इंसीडेंट था।
मृतका के शरीर पर कपड़े नहीं थे, जगह-जगह काटने के निशान थे। पुलिस ने हत्याकांड को सुलझाने के लिए पूरे इलाके को सीज कर दिया था। घटनास्थल पर कोटा से FSL और डॉग स्क्वॉयड की टीम बुलाई गई। तलाशी में बच्ची के पायजेब, कपड़े इधर-उधर पड़े मिले। फिर से डॉग स्क्वॉयड बुलाया। कुछ लोग चिन्हित किए। वारदात में शामिल एक बाल अपचारी, छोटे लाल और सुल्तान को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने तीनों आरोपियों को शक के आधार पर पकड़ा गया।
अंडरवियर के आधार पर पुलिस ने आरोपियों को पकड़ा…
पुलिस जब घटनास्थल पर पहुंची थी तब उसे कोई साक्ष्य नहीं मिले, ना ही कोई सबूत मिला ना कोई गवाह। घटना के दौरान पुलिस को जंगल से एक अंडरवियर मिली थी जिस को पुलिस ने बड़ा साक्षी माना और उस अंडरवियर के आधार पर पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ा। उस अंडरवियर की शिनाख्त करने के लिए पुलिस ने मौके पर डॉग स्क्वायड को बुलाया था। ऐसे में पुलिस ने कुछ संदिग्धों को पकड़ा और डॉग के सामने जांच की तो डॉग ने जिन दो आरोपियों को पकड़ा उन्हीं को पुलिस ने आरोपी बनाया। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस ने 12 घंटों के भीतर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में तीन आरोपी थे जिनमें से एक आरोपी बाल अपचारी होने के चलते उसका जेजे कोर्ट में मामला चल रहा था।
एफएसएल रिपोर्ट से कई खुलासे…
जब 23 दिसंबर की देर शाम पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस को मौके से ज्यादा कुछ सुराग नहीं मिले। ऐसे में पुलिस ने साइंटिफिक तरीके से ही जांच को आगे बढ़ाया और पोस्टमार्टम करवाकर एफएसएल के नमूने लिए और फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा, जहां पता लगा कि बालिका की हत्या के साथ दरिंदगी भी की गई है। उसको 19 जगहों से नोंचा गया है और आरोपी मरने के बाद भी उसके साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम देते रहे।
एफएसएल रिपोर्ट में तीनों आरोपियों के लिए गए सीमन टेस्ट मैच हो गए। रिपोर्ट में खुलासे हुए की तीनों आरोपियों में से पहले आरोपी सुल्तान फिर नाबालिग और फिर बुजुर्ग छोटू लाल ने रेप की वारदात को अंजाम दिया। फिर बाद में बालिका ने विरोध किया तो गला दबाकर पत्थर से कुचल कर उसकी हत्या कर दी।