राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में बड़े बदलाव के संकेत दिखाई दे रहे हैं। जानकारी के मुताबिक भाजपा का प्रदेश नेतृत्व 14 जिला अध्यक्षों और कई मोर्चा-प्रकोष्ठों में पदाधिकारियों में फेरबदल कर सकता है। जो जिलाध्यक्ष चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं उनमें से कई नेताओं ने पार्टी नेतृत्व को अपना पद छोड़ने और दूसरे नेताओं को जिला अध्यक्ष के पद सौंपने की गुजारिश की है। इस मामले को लेकर भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व में चर्चा शुरू हो गई है।
जानकारी के मुताबिक भाजपा ऐसे नेताओं और कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करने जा रही है जो पूरी तरह सक्रिय रहकर संगठन में अपनी जिम्मेदारी निभा सके। साथ ही इन कार्यकर्ताओं में विधानसभा के लोकसभा के चुनाव लड़ने की भी इच्छा ना हो इसके अलावा उनकी जनता और कार्यकर्ताओं के बीच मजबूत पकड़ होनी चाहिए। जिससे चुनाव के दौरान उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। जानकारी मिली है कि भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह जब अपने जयपुर दौरे पर आए थे, तब इस मामले को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से चर्चा हुई थी। जिसमें जिलों से लेकर हर प्रकोष्ठ तक संगठन में बदलाव के संकेत दिए गए थे।
इस बदलाव के तहत संगठन में करीब-करीब 15% तक ने लोगों की एंट्री की संभावना जताई जा रही है। दरअसल साल 2023 में राजस्थान विधानसभा चुनाव है। जिसके लिए अब सिर्फ 1 साल का ही समय बाकी है। अब भाजपा चुनावों को लेकर पूरी तरह से एक्टिव मोड में आ गई है। जिसकी शुरुआत संगठन में पदों को बदलने से शुरू हो गई है। भाजपा जल्द ही गहलोत सरकार के खिलाफ जन आक्रोश रैली और किसान रैली शुरू करेगी। इसके लिए प्रदेश के सभी संभागों में बूथ स्तर तक सम्मेलन किए जाएंगे और अधिक से अधिक लोगों और कार्यकर्ताओं को इस मिशन से जोड़ा जाएगा।