आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने CMR में क्रियाशील नवनिर्मित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों के साथ बैठक की। जिसमें राज्य की चिकित्सा सुविधाओं की समीक्षा, स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं के क्रियान्वयन को और भी बेहतर करने एवं मेडिकल कॉलेजों के अनुभवों को लेकर चर्चा हुई। सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि सिर्फ मेडिकल कॉलेज खोलना पर्याप्त नहीं है। इन मेडिकल कॉलेजों में आमजन के लिए गुणवत्तापूर्ण इलाज, बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, सभी सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ मिलना सुनिश्चित होना भी आवश्यक है।
मेडिकल एजुकेशन पोर्टल की हुई लॉन्चिंग
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कार्यक्रम में मेडिकल एजुकेशन पोर्टल की लॉन्चिंग की। इस बीच अशोक गहलोत ने कहा कि सरकार बनते ही हमने अपना पहला प्रयास किया था कि निरोगी राजस्थान को कैसे आगे बढ़ाया जाए। सरकार बनी, इसके लिए तैयारी भी की, लेकिन बीच में कोरोना आ गया। जिसमें कार्य को आगे बढ़ाने में काफी बाधाओं का सामना करना पड़ा। लेकिन मैं सभी चिकित्सा कर्मियों और अधिकारियों का धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने इस कोरोना के काल में भी इस कार्य में कोई अड़चन नहीं आने दी और इसे शत-प्रतिशत रूप से इस काम को पूर्ण किया।
निरोगी राजस्थान देश में बनेगा नंबर 1
कोरोना के दौर में जो भीलवाड़ा मॉडल बना उसकी पूरे देश में चर्चा हुई और इसी मॉडल को पूरे देश में लागू करने की भी बात उठी। प्रदेश सरकार ने उस दौर में भी कोरोना मरीजों को फ्री इलाज, चिरंजीवी बीमा योजना के तहत बीमा सहित कई सुविधा प्रदान की। भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के वक्त भामाशाह योजना को आयुष्मान योजना के साथ जोड़ दिया था। लेकिन हमने इससे भी आगे की सोच कर मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना का प्रारूप तैयार किया और उसमें अब 10 लाख रुपए तक का बीमा दिया जा रहा है। जोकि प्रदेश सरकार और प्रदेश की जनता के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है।
कोरोना में हुआ प्रबंधन देश के लिए बना मिसाल
इस बीच सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हर सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य पर मजबूती से ध्यान देना चाहिए और इस पर महत्वपूर्ण कदम उठाने चाहिए क्योंकि इसी पर किसी भी देश का भविष्य टिका हुआ होता है। दूसरे राज्यों के बड़े शहरों में कोरोना से प्रभावित लोगों की दुर्दशा का जिक्र करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान एक अकेला राज्य रहा जिसमें कोरोना के दौर में भी किसी भी अस्पताल में किसी भी मरीज को ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई और यह सब सिर्फ चिकित्सा विभाग और अस्पताल प्रशासन के सतर्क रहते हुए हुआ जिसके लिए मैं इन सभी को बधाई देना चाहता हूं।
राजस्थान देश का मॉडल बने इसके लिए सभी दें योगदान
सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान देश का मॉडल बने इसके लिए हम सभी को कार्य करना है। प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक इसमें क्या योगदान दे सकते हैं, इसके बारे में सभी को विचार-विमर्श और चर्चा करनी चाहिए। किस प्रकार से हम लोगों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में राहत पहुंचाएं उन्हें सुविधाएं प्रदान करें इस दिशा में हमें कार्य करना चाहिए। सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम सभी को मिलकर चिकित्सा शिक्षा की दिशा में ऐसा प्रयास करना चाहिए कि मेडिकल कॉलेज या यूनिवर्सिटी में संचालित कोर्स का अध्ययन करने वाले छात्र छात्राओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े। यानी वे आधुनिक चिकित्सा के हिसाब से तैयार हो सके चिकित्सा के क्षेत्र के प्रोटोकॉल्स के मुताबिक उनके शिक्षा हो उन्होंने जो भी कोर्स किया है चाहे वह एमबीबीएस हो एमएस हो उसका शत प्रतिशत लाभ उन्हें और जनता को मिले।
हर छोटी से छोटी समस्या को ध्यान में रखें
सीएम ने कहा कि आज की तारीख में पूरे देश में यह चर्चा है कि राजस्थान कैसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना ऊपर चला गया है कि राजस्थान में हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोल दिए हैं और उसमें भी चिरंजीवी बीमा योजना के तहत मरीजों को सुविधाएं दी जा रही हैं। लेकिन यह हमारी जिम्मेदारी है कि हर छोटी से छोटी समस्या और कमी को हम ध्यान में रखें और उसे पूरा करने की कोशिश करें ताकि हमारे प्रयास जनता तक पहुंच सके और उन्हें किसी भी तरह की कमी या परेशानी ना हो।
अशोक गहलोत ने कहा कि वे खुद अस्पतालों का निरीक्षण किया करेंगे। चाय पीने के बहाने वे मरीजों के हालचाल व अस्पताल की सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। सीएम गहलोत ने मंत्रियों से भी अपील की है कि वह भी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर वहां का जायजा लें और हर कमी को ऑब्जर्व कर उसके बारे में संबंधित अधिकारियों को अवगत कराएं व समस्या का निदान कराएं। इससे अस्पताल प्रशासन व सुविधाओं को लेकर पारदर्शिता बढ़ेगी और कार्य और अच्छे से होगा।
गंदगी फैलाने पर लगे फाइन, किसी को भी वार्ड में न जाने दिया जाए
इसके साथ ही अशोक गहलोत ने अस्पताल में गंदगी फैलाने वाले मरीजों और तीमारदारों पर फाइन लगाने के प्रावधान की भी अपील की उन्होंने कहा कि जो लोग अस्पताल सर मैं यहां वहां थूक कर उसे गंदा करते हैं या कोई भी सामान इधर-उधर फैलाते हैं उसके लिए प्रशासन को कड़े जुर्माने का प्रावधान रखना चाहिए ताकि लोग अस्पताल परिसर को गंदा करने से बचें।
सीएम गहलोत ने ने अस्पतालों के बेड बिस्तर और मेडिकल उपकरण को लेकर भी प्राचार्य से कहा कि वे मरीजों के बिस्तर बेड की साफ-सफाई को लेकर खास ध्यान रखें। क्योंकि अक्सर में जब निरीक्षण करने जाता हूं तो वह कभी-कभी बहुत गंदे दिखाई देते हैं। जिससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है इसलिए इस बारे में भी सभी का ध्यान जाना चाहिए और इसके रखरखाव और साफ सफाई के लिए दिशानिर्देश प्रशासन कर्मचारियों को दें।
मंत्रियों, विधायक व मीडियाकर्मियों के लिए भी सर्कुलर हो जारी
सीएम गहलोत ने कहा आचार्य इस दिशा में ज्यादा ध्यान दें कि कोई भी मरीजों के वार्ड में जूते पहनकर नहीं जाए इससे अस्पताल परिसर तो गंदा होता ही है साथ ही संक्रमण बढ़ने की भी आशंका रहती है सीएम ने कहा कि मैं अक्सर देखता हूं सुनता हूं कि कई मंत्री विधायक और यहां तक कि मीडिया कर्मी भी जूते पहने हुए कहीं भी चले जाते हैं और मरीजों से बातचीत करते हैं उनके पास जाते हैं वह भी साफ सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखते इसके लिए अस्पताल प्रशासन को एक नियमावली यह प्रोटोकॉल जारी कर देना चाहिए जिससे कि कोई भी इस तरह वार्ड में ना घुस सके ना ही उसे गंदा कर सके यह सर्कुलर हर किसी के लिए लागू होना चाहिए चाहे वह मंत्री हो विधायक हो मेरा कोई खास हो या कोई भी मीडिया कर्मी हो। ताकि मरीजों को भी यह लगे कि जहां में भर्ती हुए हैं वहां साफ-सफाई है उन्हें किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होगी।