जोधपुर। पैरोल से फरारी के दौरान 2 जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने वाले एक लाख रुपए के ईनामी बदमाश अजय पाल सिंह तंवर (Ajaypal Singh Tanwar) को लेकर मंगलवार सुबह पुलिस जोधपुर ले आई है। जोधपुर पुलिस ने आरोपी अजयपाल सिंह तंवर उर्फ एपी सिंह को सोमवार देर रात गुजरात के सूरत से गिरफ्तार किया था। शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी है। जोधपुर पुलिस ने एक लाख के ईनामी बदमाश की गिरफ्तारी के लिए 6 टीमें बनाई थी। पुलिस की टीम में शामिल 40 पुलिसकर्मियों ने 200 दिन तक एक लाख रुपए के ईनामी बदमाश का एक लाख किमी तक पीछा किया था। इस दौरान पुलिस ने देश के 5 राज्यों में आरोपी की तलाश की थी। आखिरकार, गुजरात के सूरत में पुलिस को बड़ी सफलता मिली। पुलिस ने आरोपी अजय पाल के साथ ही सहयोग व शरण देने पर कई आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ में जुटी हुई है।
डीसीपी अमृता दुहन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रदेश का टॉप-5 में चयनित वांछित 100000 रुपए का ईनामी शातिर अपराधी अजयपाल सिंह तंवर उर्फ एपी सिंह गिरफ्तार को देर रात सूरत से गिरफ्तार कर जोधपुर लाया गया है। आरोपी अजयपाल सिंह तंवर उर्फ एपी सिंह आहौर में महेंद्र खान हत्याकांड और जोधपुर में कैदी सुरेश सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपी है। पुलिस मुख्यालय, अपराध शाखा, राजस्थान जयपुर के सुपरविजन में अन्य राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर अजयपालसिंह की गिरफ्तारी के काफी समय से हर संभव प्रयास किए जा रहे थे। 5 राज्यों में करीब 40 पुलिसकर्मियों की टीमों द्वारा 200 दिनों तक 1 लाख किलोमीटर से भी ज्यादा लगातार पीछा करने पर सफलता मिली है। आरोपी अजयपाल सिंह की तलाश में मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और गोवा राज्यों में कई टीमें भेजी गई थी। टीम ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए त्रिकोणिय रणनीति बनाई। फरारी के दौरान भी आरोपी संगठित गिरोह बनाकर लूट, डकैती व हत्या जैसे गंभीर अपराध करने की फिराक में था। आरोपी से लगातार पूछताछ जारी। साथ ही कई अवैध हथियार बरामद होने की संभावना है। साथ ही हत्या के षड्यन्त्र में शामिल अन्य अपराधियों का भी राज खुलेगा।
आरोपी का अगला टारगेट था जेल में बंद पृथ्वी सिंह
उन्होंने बताया कि हत्या के मामले में आरोपी जोधपुर जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। लेकिन, पैरोल के दौरान जेल बाहर आने पर वह साल 2019 में फरार हो गया था। इस मामले में रातानाड़ा थाने में मामला दर्ज हुआ था। पैरोल के दौरान भागे आरोपी अजयपाल ने 18 दिसंबर 2021 को अपने साथियों के साथ मिलकर पेशी पर लाए गए कैदी सुरेश सिंह रावणा की हत्या कर दी थी। आरोपी का जब लूट की राशि के बंटवारे को लेकर साथियों से विवाद हुआ तो उसने महेंद्र खान का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी। इस मामले में जालौर जिले के आहौर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपी अजयपाल और उसके साथियों का अगला टारगेट बाड़मेर निवासी पृथ्वीसिंह था। जो उसके साथी छोटूसिंह की हत्या मामले में पोकरण जेल में बंद है। साथ ही आरोपी दक्षिण भारत के कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र में प्रवासी मारवाड़ी युवाओं साथ आपराधिक गिरोह बनाकर लूट, डकैती जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम दे रहा था।
पुलिस ने इन जगहों पर दी दबिश
आरोपी की गिरफ्तारी के लिए 40 पुलिसकर्मियों की 6 टीमों ने 200 दिनों तक 6 राज्यों में दबिश दी। पुलिस की टीम लगातार एक लाख किमी तक आरोपी का पीछा करती रही और सोमवार देर रात भरूच-सूरत नेशनल हाईवे टोल प्लाजा पर बस में सवार आरोपी अजयपाल को गिरफ्तार किया। आरोपी भरूच से सूरत भागने की फिराक में था लेकिन, उससे पहले ही आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इससे पहले पुलिस ने पाली, सोजत, मणियारी, राहेट, राणी फालना धोरीमन्ना, चौहटन, देवीकोट मोहनगढ़, फतेहगढ़, झिझनियाली, बालाते रा, बाड़मेर, आहोर, भीनमाल, सांचोर, जालौर, सिरोही, मध्यप्रदेश, गुजरात, पूना, बोईसर, मुंबई, कर्नाटक और गोवा में आरोपी की तलाश के लिए दबिश दी।
आरोपी के कई साथी और शरण देने वाले भी गिरफ्तार
पुलिस ने फरार आरोपी अजयपाल सिंह का सहयोग करने वाले जब्बसिंह मणिहारी, प्रवीण सिंह मणिहारी, विक्रमसिंह जैवलयावास, रिछपालसिंह उर्फ यशपालसिंह उर्फ सेठी, सुरजपालसिंह, इमरान, मंगलसिंह राठौड़, गुलाब सिंह उर्फ चिक्कू, भरतसिंह, हरिकिशन मीणा उर्फ हिमांशु उर्फ दुर्योधन, सुरेंद्र सिंह गुड़ानाल को गिरफ्तार किया। साथ ही आरोपी को शरण देने लोकेंद्र सिंह , आईदानसिंह, दलपतसिंह राजपूत, जवाराम पटेल, जसवंत गोस्वामी, लक्ष्मणसिंह, अचलसिंह, महावीरसिंह, अरबाज खान, मंगल सैन के विरूद्ध भी कार्रवाई की गई। इसके अलावा आरोपी अजयपाल सिंह को आर्थिक सहयोग करने वाले जब्बरसिंह मणिहारी, प्रवीण सिंह मणिहारी, भरत सिंह मणिहारी निवासी मणिहारी पाली को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। आर्थिक सहयोग करने वाले आरोपियों ने भी अजयपाल को कैदी सुरेश सिंह की हत्या के लिए तैयार किया था।