अजमेर। जिले के बहुचर्चित दो करोड़ रुपए की रिश्वत राशि मांगने के मामले में जेल भेजी गई निलंबित एडिशनल एसपी दिव्या मित्तल की जमानत याचिका हाईकोर्ट में मंजूर कर ली गई है। हाईकोर्ट जस्टिस सी के सोनगरा की बैंच ने जमानत पर सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया है। निलंबित एएसपी दिव्या मित्तल के एडवोकेट प्रीतम सिंह सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि मित्तल की जमानत याचिका जस्टिस सी के सोनगरा की बैंच में लगाई गई थी। जिस पर मित्तल के वकील पंकज गुप्ता और राहुल अग्रवाल ने याचिका पर अपनी दलीलें पेश की। जिसे सुनकर जस्टिस सोनगरा सहमत हुए और उन्होंने दिव्या मित्तल को जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए।
सोनी ने बताया कि पूर्व में चार्जशीट पेश होने के बाद 22 मार्च को जस्टिस नरेन्द्र सिंह ढ़ड्डा की बैंच में जमानत याचिका लगाई गई थी लेकिन हड़ताल के कारण देरी से पेश की गई। जिस पर न्यायाधीश ने जांच गठित करवा दी है साथ ही इस जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं करने के लिए भी मुख्य न्यायाधीश को लिख दिया और अन्य बैंच से इसकी सुनवाई करवाने की मांग की। जिसके बाद जस्टिस सी के सोनगरा की बैंच ने इसकी सुनवाई की।
नहीं मिली है अभियोजन स्वीकृति
एडवोकेटे प्रीतम सिंह सोनी ने बताया कि अब तक दिव्या मित्तल की अभियोजन स्वीकृति सरकारी से नहीं मिली है, लेकिन 60 दिन पूरे होने के चलते एसीबी ने चार्जशीट पेश कर दी है। अब भी एसीबी को अभियोजन स्वीकृति का इंतजार है।
ये था पूरा मामला
गौरतलब है कि अजमेर एसओजी के एएसपी पद पर रहते दिव्या मित्तल पर दवा कम्पनी के मालिक से दो करोड़ रुपए की रिश्वत राशि मांगने का आरोप था। इस संबंध में एसीबी ने दवा कम्पनी के मालिक की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर मित्तल को गिरफ्तार किया था साथ ही उसकी सभी सम्पत्तियों को भी खंगाला था। दिव्या मित्तल को एसीबी ने रिमांड के बाद 20 जनवरी को पेश किया था जहां से उसे जेल भेजा गया था। तब से दिव्या मित्तल अजमेर के सेंट्रल जेल में ही बंद है। मित्तल का दलाल सुमित भी इस पूरे मामले में साथ था और वह अब तक एसीबी के हाथ नहीं लग सका है। एसीबी की विशेष न्यायालय ने सुमित को स्थाई वारंटी भी घोषित कर दिया है। आपको बता दें कि दिव्या मित्तल के उदयपुर स्थित लग्जरी रिसोर्ट को भी कुछ दिन पहले बुल्डोजर चला दिया था।
(नवीन वैष्णव)