सचिन पायलट समेत प्रदेश में बिजली और कई मुद्दों पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर निशाना साधा और बिजली पानी को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का भी ऐलान किया। राठौड़ ने कहा कि आज हालत ऐसी है कि बत्ती गुल है सरकार की, मीटर चालू है, बातों में करंट नहीं, लोग बदहाल है।
सरकारी धन का धड़ल्ले से हो रहा उपयोग
राठौड़ ने कहा कि सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने जिस तरह अपनी ही सरकार को घेरे में डाला उससे पता चलता है कि सरकार कमीशनखोरों की है, भ्रष्टाचारियों की सरकार हैं। हम भी RPSC के पुनर्गठन की मांग कर रहे हैं। बाबूलाल कटारा जैसे लोग पकड़े जा रहे हैं। एक मछली नहीं पूरा तालाब ही गंदा है। सरकार महंगाई राहत कैंप लगा रही है। पहली बार सरकार के खजाने से छपे विज्ञापनों में पीसीसी के नेताओं के फोटो छापे जा रहे हैं। सरकारी धन का धड़ल्ले से निजी कार्यों के लिए उपयोग किया जा रहा हैं। ये बजट की घोषणा है। जो अपने आप 1 अप्रैल से लागू हो जाती है। घोषणा के 90 दिन के बाद इनकी स्वीकृति हो जाएगी, केंद्र सरकार तमाम योजनाओं के लिए पैसे भेजती है। पहले से ही जनता इन योजनाओं से जुड़ी है रजिस्ट्रेशन हुआ है, उन्हें ही फिर से जोड़ रही है।
किसान बिजली के लिए परेशान
राजेंद्र राठौड़ ने बिजली बिल, किसानों का बिजली बिल सहित योजनाओं से जुड़े कई मुद्दे उठाया। अब जो बिल आपके पास आता है, वो फ्यूल चार्ज और अन्य सेस मिलाकर आता है। जो राहत ये सरकार दे रही है। फ्यूल चार्ज के नाम से दूसरे सरचार्ज भी वसूल रही है। 4 हजार मेगावाट से ज्यादा कभी बिजली नहीं मिलती। ये संस्थागत भ्रष्टाचार का तांडव कर रही है सरकार।
जो संयंत्र लगें हैं उनमें 23 प्रतिशत बिजली का उत्पादन होता है। रूफटॉप सोलर प्लेट पर भी सरकार अंधाधुंध कमाई कर रही है। खुद भ्रष्टाचार करें और झूठी बातें जनता से कहती हैं। सरकार दावा करती है हम सरप्लस स्टेट हो गए, ओद्यौगिक क्षेत्र में दूसरे पायदान पर है,बड़े पैमाने पर बिजली निजी कंपनियों से खरीदी जाती हैं। सरकार ने वादा किया था कि 1 अप्रैल 2022 से किसानों को दिन में बिजली देंगें लेकिन आज किसान को 4 से 5 घंटे बिजली दी जा रही है।
नए जिलों की बाउंड्री के लिए प्रारूप बनाकर प्रकाशित करें
किसानों को पेंडिंग कनेक्शन देने की बात की थी। 2300 करोड़ का प्रोजेक्ट था, लेकिन वो भी आज तक पूरा नहीं हुआ। नए जिलों की बाउंड्री के लिए प्रारूप तक नहीं बनाया। आपको प्रारूप बनाना होगा, लोगों के सुझाव लेने होंगे, आपत्तियां लेनी होंगी। डीडवाना और कुचामन इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं। इसके लिए इसके प्रारूप को प्रकाशित करना ही होगा।
राठौड़ ने कहा कि महंगाई राहत कैंप का कांग्रेसीकरण किया जा रहा है। जिस तरह बिजली पानी से जनता परेशान है, ये जो महंगाई राहत कैंप बना रहे हैं। बिजली की कटौती पर पानी की मांग को लेकर आंदोलन की घोषणा की जाएगी।
कांग्रेस में दो टीमें एक-दूसरे को गिराने में लगी हैं
हॉर्स ट्रेडिंग की बात जो सरकार कर रही है। वो खुद के नेताओं की ललकार झेल रही है। सीएम के पास कोई जानकारी है तो देना हमने कहां रोका है, आज डिप्टी सीएम को याद आता है कि पूर्ववर्ती सरकार की सीएम ने भ्रष्टाचार किया है। अभी तक तो उन्होंने ये बात कहीं नहीं की। जिन खानों के आवंटन का आरोप लगाया गया था। उसकी जांच भी हो गई है और फैसला भी आ गया है। अब इस मुद्दे को उठाकर सिर्फ राजनीति की जा रही है, ये तो वही बात हो गई कि कहीं पर निगाहें कहीं पर निशाना, अशोक गहलोत पर बम गिराने की सोच रहे हैं। वसुंधरा और गहलोत के मिले होने के सवाल पर राठौड़ ने कहा कि कोरोना जिस समय फैला था। एक-एक दिन में कई-कई हजार लोगों को कोरोना हुआ था। ऐसे सवाल अनर्गल है।
कांग्रेस की ए टीम और बी टीम है, मुकेश भाकर जैसे लोग कह रहे हैं कि रीट के अंदर राजीव गांधी स्टडी सर्किल की जांच होनी चाहिए, RPSC को भंग कर दिया जाए, पीड़ित छात्रों को मुआवजा देना चाहिए, रेवड़ियों को बांटकर ये सोचते हैं कि चुनाव को लड़ लेंगे तो यह तो नहीं हो पाएगा।