जयपुर। भाजपा के नेता राजेंद्र राठौड़ को विधानसभा में नए नेता प्रतिपक्ष बनाने पर सहमति बन गई है। वे फिलहाल उप नेता प्रतिपक्ष हैं। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर रविवार को होने वाली विधायक दल की बैठक में इनके नाम पर मुहर लगनी तय मानी जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार विधायक दल की बैठक में राठौड़ का चुनाव सर्वसम्मति से हो जाएगा। बता दें, कुछ दिन पूर्व ही नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाए जाने के बाद यह पद खाली चल रहा था। हालांकि कटारिया के असम जाने के बाद से यह तय माना जा रहा था कि इस पद के लिए राठौड़ ही सबसे उपयुक्त नेता हैं। भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर रविवार सुबह 10 बजे प्रदेश स्तरीय बैठक आयोजित होगी।
बैठक में प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, जिला प्रभारी व मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष मौजूद रहेंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे विधायक दल की बैठक होगी और शाम 5 बजे प्रदेश भाजपा कोर कमेटी बैठक होगी। जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सी पी जोशी, प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर और प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर मौजूद रहेंगे। प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद सीपी जोशी की यह पहली बैठक होगी। उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि विधायक दल की बैठक में चुनाव के बाद ही नए नेता का नाम तय होगा। अगर मुझे पार्टी ने जिम्मेदारी दी तो संगठन के साथ समन्वय कर इस संवैधानिक पद की जिम्मेदारी निभाते हुए जनता के मुद्दों को उठाऊंगा।
उप नेता प्रतिपक्ष का भी ऐलान संभव
विधायक दल की बैठक में पार्टी आलाकमान की ओर से तय किए गए नए नेता प्रतिपक्ष के नाम को रखा जाएगा। विधायकों की राय के बाद नए नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान होगा। जैसा कि तय माना जा रहा है राजेंद्र राठौड़ पार्टी के नए नेता प्रतिपक्ष बनेंगे। इसके बाद उप नेता प्रतिपक्ष का पद खाली हो जाएगा। संभव है इस पद पर भी पार्टी के किसी वरिष्ठ विधायक के नाम का ऐलान कर दिया जाए।
छह बार विधायक बन चुके हैं राठौड़
राजेन्द्र राठौड़ 6 बार विधायक बन चुके हैं। भाजपा सरकार में चिकित्सा मंत्री से लेकर पंचायत राज और संसदीय कार्य मंत्री के पद की यह जिम्मेदारी निभा चुके हैं। उपराष्ट्रपति और प्रदेश के पूर्व सीएम रहे भैरोंसिंह शेखावत के समय से वे पार्टी में अहम राजनीतिक भूमिका निभाते रहे हैं। पूर्व सीएम शेखावत व सीएम वसुंधरा राजे के नजदीकी माने जाते हैं। उन्हें संसदीय और संविधान से जुड़े मामलों का एक्सपर्ट भी माना जाता है।