जयपुर ब्लास्ट (Jaipur Blast) मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए आरोपियों को नोटिस जारी किया है। पीड़ित परिवारों और राज्य सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के यह खिलाफ SLP दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया है ।
ATS के अधिकारियों के खिलाफ अब नहीं होगी जांच
राजस्थान हाइकोर्ट ने ब्लास्ट के आरोपियों को बरी करने का आदेश दे दिया था। इसके अलावा ATS के जांच अधिकारियों के खिलाफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिए थे। हाईकोर्ट ने इस केस में ATS के अधिकारियों के रवैए पर उन्हें फटकार लगाई थी। कोर्ट ने सरकार से जुड़े सभी रिकॉर्ड 8 हफ्ते में देने को कहा था। अब पीड़ितों और सरकार की याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी। इसकी आखिरी सुनवाई 9 अगस्त को होगी।
आरोपी बाहर आए फिर भी ATS में लगानी होगी हाजिरी
कोर्ट ने चारों आरोपियों को नोटिस जारी किया है और कहा है कि रिहा होने के बाद भी इन आरोपियों को ATS दफ्तर में हाजिरी लगानी होगी। पासपोर्ट जेल अथॉरिटी के पास जमा कराएं और पासपोर्ट न होने की सूरत में जेल प्रशासन को वे शपथ पत्र दे दें। बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट ने इन चारों आरोपियों को रिहा करने के आदेश को रद्द कर दिया था। सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी।
साल 2008 में जयपुर में हुए थे बम धमाके…
बता दें कि 13 मई, 2008 को जयपुर में हुए सीरियल बम ब्लास्ट (Jaipur Blast) में 71 लोगों की मौत होने के साथ ही 185 लोग घायल हुए थे। बम ब्लास्ट मामले में सैर्फुरहमान, मोहम्मद सलमान, सरवर आजमी और सैफ को जयपुर जिला विशेष न्यायालय ने 20 दिसंबर, 2019 को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ चारों ने उच्च न्यायालय में अपील की थी। उच्च न्यायालय ने 29 मार्च को फांसी की सजा पलटते हुए चारों को पुख्ता सबूत नहीं होने पर बरी कर दिया।