राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को हाल ही में राजस्थान सरकार द्वारा नवाचार प्रयोग के लिए 15 लाख का पुरस्कार प्रदान किया गया है। सहायक जनसंपर्क अधिकारी विक्रम राठौड़ ने बताया कि राजस्थान कॉलेज जयपुर में सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से आयोजित राजस्थान आईटी-डे के अवसर पर आयोजित 36 घंटे के राजस्थान आईटी-डे हैकथॉन में देशभर के 3 हजार से ज्यादा युवाओं नें ऑनलाइन भाग लिया।
इसके अलावा ऑफ लाइन हैकथॉन में 70 हजार से ज्यादा युवा शामिल हुए। उनमें से विजेता युवाओं को राजस्थान सरकार द्वारा 90 लाख की लागत के काम दिए गए। ऑफ लाइन हैकथॉन में प्रथम पुरस्कार में 25 लाख, दूसरे पुरस्कार में 20 लाख एवं तृतीय पुरस्कार विजेता टीम को 15 लाख का कार्यादेश दिया गया। कुलपति प्रो. एसके सिंह के निर्देशन हुई ऑफलाइन प्रतियोगिता में विजयी टेक्निकल यूनिवर्सिटी कोटा के छात्रों की टीम को तृतीय पुरस्कार दिया गया।
विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्र विजेता टीम में कृष्णकांत यादव, नकुल शर्मा, दिव्या शर्मा, नरेश, सुमन, खुशी वर्मा और दिशा चौधरी के द्वारा बनाए गए इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें राजस्थान सरकार द्वारा 15 लाख रुपए का पुरस्कार दिया गया है।
मानव रहित कचरा निस्तारण प्रोजेक्ट बनाया
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय के इन विद्यार्थियों की टीम ने मानव रहित कचरा निस्तारण प्रोजेक्ट बनाया। इसमें वेस्ट मैनेजमेंट पर मॉडल के अलग-अलग टैंक बनाए गए। इसके तहत कैमरा तथा अल्ट्रा की सहायता से कचरे को विभाजित किया जाता है। छात्रों ने बताया की यदि कोटा शहर में इस मॉडल की नौ यूनिट लगाई जाए तो एक दिन में ही कचरे को निस्तारित किया जा सकता है।
उद्यमशीलता को बढ़ाता है नवाचार
कुलपति प्रो. एसके सिंह ने विजेता विद्यार्थियों की टीम को शुभकामनाएं प्रदान की। उन्होंने कहा कि नवाचार प्रयोग विद्यार्थियों की उद्यमशीलता वा रचनात्मकता को बढ़ावा देता है। प्रतिस्पर्धा के इस दौर में विद्यार्थियों को कुछ अलग हटकर करने की आवश्यकता है। कौशल विकास के साथ विद्यार्थी अपने विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं।
राज्य सरकार ई-गवर्नेंस की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही है। सूचना प्रौद्योगिकी में आज राजस्थान अग्रणी राज्य बनकर उभर रहा है। इस प्रकार के आयोजन का उद्देश्य युवाओं के जरिए भारत में इनोवेशन के कल्चर को बढ़ावा देना, नवाचार के जरिए देश एवं समाज की समस्याओं का समाधान करना और परंपरागत तरीके से अलग हटकर सोचने की संस्कृति विकसित करना है।
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