इस समय राजस्थान की राजनीति पूरे देश में चर्चा में हैं। अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के अध्यक्ष बनने के बाद अब राजस्थान का मुख्यमंत्री (Rajasthan CM Face) कौन होगा? इसका मंथन प्रदेश के सभी विधायक और कांग्रेस का आलाकमान कर रहा है। वहीं सीएम पद की रेस में दो नाम सबसे ऊपर चल रहे हैं। एक तो पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) और दूसरा नाम है विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी (C.P. Joshi) का। सियासी समीकरण अगर अशोक गहलोत के मुताबिक बैठाए जाते हैं तो सचिन पायलट का मुख्यमंत्री बनना थोड़ा मुश्किल नजर आता है।
अशोक गहलोत के बेहद करीबी सीपी जोशी का ऊंचा है राजनीतिक कद
सीपी जोशी (C.P. Joshi) अशोक गहलोत के बेहद करीबी नेता माने जाते हैं। सचिन पायलट के नाम पर मुहर न लगने की स्थिति में सीएम पद पर सीपी जोशी को बैठाने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। सचिन पायलट के नाम पर अशोक गहलोत सहमत नहीं है। ऐसे में वे राजस्थान के सीएम (Rajasthan CM Face) पद के लिए सीपी जोशी को आगे बढ़ाया जा सकता है। लेकिन आखिर सीपी जोशी में ऐसी क्या खास बात है जो उनका नाम सीएम पद के लिए दूसरे नंबर पर लिया जा रहा है। वजह हम आपको बताते हैं।
2008 के विधानसभा चुनाव में थे मुख्यमंत्री की चेहरा
दरअसल सीपी जोशी (C.P. Joshi) राजस्थान कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। अशोक गहलोत के बाद अगर किसी नेता के पास लंबा राजनीतिक अनुभव है तो वे वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी हैं। दूसरी खास बात है कि सीपी जोशी ब्राह्मण समुदाय से आते हैं। सीपी जोशी के राजनीतिक कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2008 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद (Rajasthan CM Face) के लिए सीपी जोशी का नाम आग बढ़ाया गया था। जबकि अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) उस दौर में भी कांग्रेस के कद्दावर नेता थे और 2003 में राजस्थान के मुख्यमंत्री भी बन चुके थे। इसके बावजूद साल 2008 में सीएम पद के लिए सीपी जोशी का चेहरा आगे किया गया था।
2 बार केन्द्रीय मंत्री, 5 बार विधायक
सीपी जोशी कांग्रेस सरकार में 2 बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। साल 2009 से 2013 तक वे पंचायती राज मंत्री, रेल मंत्री और सड़क परिवहन मंत्री रह चुके हैं। इसके अलावा साल 2009 में भीलवाड़ा से सांसद भी रह चुके हैं। सीपी जोशी ने साल 1980 में राजसमंद की नाथद्वारा सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। इसके बाद साल 1985, 1998, 2003में उन्होंने (C.P. Joshi) इसी सीट से चुनाव लड़ा और जीते। साल 2008 के विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ा लेकिन इस बार किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। वे मात्र एक वोट से हार गए और इसका कारण जानकर हर इस पर विश्वास तक नहीं कर पाया था।
पत्नी के वोट न देने के चलते सीएम की कुर्सी से चूके
साल 2008 के चुनाव में सीपी जोशी (C.P. Joshi) के मुकाबले भाजपा ने कल्याण सिंह चौहान को मैदान में उतारा था। कल्याण सिंह चौहान को 16216 वोट मिले तो सीपी जोशी को 16215 मत मिले। सीपी जोशी का यह एक वोट उनकी पत्नी का था, दरअसल उनकी पत्नी और बेटी उस दिन मंदिर गई हुईं थीं जिसकी वजह से वह वोटिंग करने नहीं आ पाईं थीं। इस बात को सीपी जोशी ने कई इंटरव्यू में बोली भी है।
हालांकि चुनाव हारने के बाद सरकार तो कांग्रेस की ही बनी ही थी, लेकिन सीपी जोशी (C.P. Joshi) मुख्यमंत्री नहीं बन पाए थ। ये जिम्मेदारी अशोक गहलोत ने संभाली थी। कांग्रेस ने सीपी जोशी को साल 2009 में लोकसभा का टिकट देकर संसद में पहुंचा दिया जिससे उनकी हार का दर्द कुछ हद तक कम हुआ। साल 2008 के बाद अब एक बार फिर सीपी जोशी के मुख्यमंत्री (Rajasthan CM Face) बनने की बात कही जा रही है। जिसके बाद अब राजस्तान की राजनीति और भी ज्यादा दिलचस्प हो गई है।
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