जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से छत्तीसगढ़ में कई कांग्रेस नेताओं के ठिकानों पर छापेमारी के कुछ घंटों बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल नहीं बोलना चाहिए और न ही ‘बदले की भावना’ से की गई कार्रवाई का आरोप लगाना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि भाजपा वाले किसी गलत फहमी में नहीं रहे। यह जो भाजपा वाले दुश्मनी पाल रहे हैं, यह इनको भारी पड़ेगा।
गहलोत ने कहा कि भाजपा खुद को राष्ट्रीय पार्टी मानती है। उनकों सोचना चाहिए कि जिस पार्टी ने देश को आजाद करवाया उसके राष्ट्रीय महाअधिवेशन से पहले छापे मारना निंदनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस हरकत से हर कांग्रेस कार्यकर्ता आक्रोशित है। देश का नागरिक समझ रहा है कि तमाशा बना रखा है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी ईडी के छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेताओं से जुड़े परिसरों पर छापे पर भी सवाल उठाया और कहा कि पूरा देश देख रहा है। इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
इधर सोमवार को जयपुर दौरे पर आईं सीतारमण ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और जब उनके पास जरूरी सबूत होते हैं तभी वे जाकर जांच करती हैं। वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए न ही ‘बदले की भावना’ से कार्रवाई करने का आरोप लगाना चाहिए।
भ्रष्टाचार के मुद्दों से ही कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि एक के बाद एक कांग्रेस सरकारें भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों के चलते ही सत्ता से बाहर हो गई हैं। उन्होंने कहा कि यह अजीब है कि एक पार्टी, जिसका पूर्व अध्यक्ष और एक पूर्व से पूर्व अध्यक्ष, भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में जमानत पर बाहर हैं, भ्रष्टाचार की बात कर रही है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक कारणों से देश को आगे बढ़ने से रोकने का भी आरोप लगाया।
सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस ने राजनीतिकरण की वजह से देश को आगे बढ़ने से रोकने वाले तंत्र को अपनाया क्योंकि उन्हें देश की चिंता नहीं है। उन्हें केवल उनके परिवार, वंश और उनकी पार्टी की भलाई की चिंता है। सालों तक गुजरात के लोग पानी को तरसते रहे, लेकिन कांग्रेस ने परवाह नहीं की। वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता पहले आरोप लगाते हैं और फिर सदन की कार्रवाई से बहिर्गमन कर जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को या तो सदन से बहिर्गमन नहीं करना सीखना चाहिए ताकि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए जवाब को सुन सकें। या जब वे आरोप लगाते हैं तो ‘ठोस सबूतों’ के आधार पर लगाएं।
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