जयपुर। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि केवल मेरा चरित्र हनन करके राजनीतिक रूप से मुझे कमजोर करने का षड्यंत्र है और जांच एजेंसी को टूल के रूप में इस्तेमाल करने का काम राजस्थान के मुख्यमंत्री कर रहे हैं। यह केवल एकमात्र प्रयास नहीं है, वो पहले से ऐसे प्रयास करते आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वो जिस स्तर तक गए हैं, मैं उस स्तर पर नहीं जाना चाहता हूं। मैं धर्य की एक सीमा बनाए रखना चाहता हूं।
सोमवार को भाजपा कार्यालय में मीडिया से शेखावत ने कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान समेत कई अन्य राज्यों में कार्य करती है। सोयायटी का जब पंजीकरण हुआ था, उस समय राजस्थान और दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी। सोसायटी को मल्टीस्टेट कैटेगरी का दर्जा भी वर्ष 2013 में मिला, उस समय भी दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी। इन हजारों पन्नों की चार्जशीट में ना तो मुझे, ना ही मेरे परिवार के किसी सदस्य को अभियुक्त बनाया है। मुख्यमंत्री सार्वजनिक रूप से झूठ बोलकर कहीं पुलिस को कोई संकेत तो नहीं दे रहे हैं? गहलोत अपने बेटे की हार की खीझ तो नहीं उतार रहे हैं?
कांग्रेस पर लगाया आरोप
कें द्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्ष 2018 में क्रेडिट को-आपरेटिव सोसाइटी के संचालक और उससे हुए घाटाले के मुख्य अभियुक्त कांग्रेस पार्टी के टिकट पर पचपदरा से चुनाव लड़ने की पूरी कोशिश कर रहे थे। बकायदा, लाखों रुपए खर्च कर अखबारों में फुल पेज के विज्ञापन दिए गए। उन्होंने कहा कि संजीवनी क्रेडिट को-आपरेटिव सोसायटी पर 23 अगस्त 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी। राजस्थान सरकार के अधीन कार्य कर रही पुलिस ने मामले की जांच की। इस मामले में पहली चार्जशीट दिसंबर 2019, दूसरी फरवरी 2020 और तीसरी चार्जशीट 7 फरवरी 2023 को दाखिल की गई। चार्जशीट हजारों पन्ने की है।
मुझे भगोड़ा तक कह डाला CM ने
शेखावत ने मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कोर्ट के आदेश के बावजूद भी उन्होंने मुझे भगोड़ा कहा, मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं, ऐसा कहा। मुझे कई तरह की संज्ञाएं दीं। मुझे नाकारा, निकम्मा, अकर्मण्य और इनकॉम्पिटेंट, डरकोप तक कहा। कोरोना में जितनी संज्ञाएं अपने पार्टी के नेता को दी थीं, उन्होंने वो सारी संज्ञाएं मुझे देने की कोशिश की। फॉरेसिंक ऑडिट के बाद पेश हुई चार्टशीट के मामले में कें द्रीय मंत्री ने कहा कि मैंने फॉरेसिंक साइंस नहीं पढ़ी है, लेकिन जहां तक मैं समझता हूं, वह डाटा चेक करती है और पैसा कहां से आया और कहां गया, इस संबंध में पता लगाती है। फॉरेसिंक ऑडिट होने के बाद भी दो बार चार्टशीट फाइल हुई है, कहीं भी मुझे दोषी पाया गया होता तो चार्टशीट में लिखा होता।
राजस्थान सरकार ने संसद से पारित कानून नहीं किया लागू
शेखावत ने सीएम के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें मुख्यमंत्री ने निवेशकों का पैसा वापस पाने के लिए कानून में संशोधन की बात कही थी। कें द्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी भी तरह के कानून में संशोधन की आवश्यकता नहीं है। देश की संसद ने 2019 में एक कानून पारित किया था, उस कानून को लागू करने की जरूरत है।
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