कोटा। राइट टू हेल्थ को लेकर पूरे राजस्थान में निजी अस्पतालों के डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं। वे लंबे समय से कार्य बहिष्कार भी कर रहे हैं। इस बीत चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि इसी सत्र में राइट टू हेल्थ बिल लेकर आएंगे और निजी अस्पतालों को WHO की गाइडलाइन के अनुसार मरीजों का इलाज करना ही पड़ेगा।
मरीज का इलाज ही धर्म
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि डॉक्टर्स का पहला धर्म है कि इमरजेंसी मरीज का तुरंत इलाज करें और सेवा को ही अपना कर्म समझे ना की कमाई को। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन और राइट टू हेल्थ बिल में भी यही है जिसका कुछ बड़े अस्पताल के डॉक्टर्स विरोध कर रहे हैं।
चिरंजीवी योजना का भी देना होगा लाभ
उन्होंने कहा कि चिरंजीवी योजना से जुड़े हुए सभी निजी अस्पताल चिरंजीवी योजना में मरीज का इलाज कर रहे हैं, केवल वे ही अस्पताल जो इस योजना से जुड़े हुए नहीं है वे ही मरीज को सुविधा नहीं दे रहे। परसादी लाल मीणा ने कहा कि जब राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पास हो जाएगा तो यह कुछ निजी अस्पताल जिनमें नारायणा ,फोर्टिस भी हैं उन्हें भी चिरंजीवी योजना में शामिल होना पड़ेगा और मरीज का इलाज करना पड़ेगा।
राजस्थान में ही हो रही है पेपर लीक के खिलाफ कार्रवाई
पेपर लीक मामले पर बोलते हुए मीणा ने कहा कि हर राज्य में इस तरह की घटनाएं हो रही है, लेकिन राजस्थान ऐसा राज्य है जहां इस घटना में लिप्त आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने मामले की गंभीरता को समझ कर यह आरोपियों को गिरफ्तार कर उनकी संपत्ति के ऊपर सरकार ने बुलडोजर चलाएं हैं जबकि किसी अन्य राज्य में ऐसा नहीं हुआ है। यहां पर आरोपियों को जेल पहुंचाया जा रहा है, दूसरे राज्यों में तो पता तक नहीं चलता कि पेपर लीक हुआ भी है।