जयपुर। भाजपा में एक बार फिर से नेताओं के बीच गुटबाजी चरम पर दिखाई दे रही है। चार मार्च को प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे चूरू के सालासर बालाजी धाम में देवदर्शन के साथ अपना जन्मदिन मनाने जा रही है। राजे के जन्मदिन को भव्य बनाने और भीड़ जुटाने में भाजपा के पूर्व पदाधिकारी जोरशोर से जुटे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा की तरफ से चार मार्च को प्रदेश सरकार की विफलता के खिलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया हुआ है।
हालांकि, यह ऐलान भाजपा के हरावल दस्तेयुवा मोर्चा की तरफ से की गया था, लेकिन पार्टी ने अपने सभी मोर्चा सहित सभी प्रमुख नेताओं को विधानसभा प्रदर्शन को सफल बनाने में झोक दिया है। प्रदेश भाजपा की इस गुटबाजी में आम कार्यकर्ता बेहद हैरान दिखाई दे रहा है कि वे अपने नेता के जन्मदिन में शामिल होने सालासर जाए या पार्टी के अधिकृत रूप से घोषित कार्यक्रम में शामिल हों।
शुरू हुआ पोस्टर वॉर, फिर खुले में दिखी गुटबाजी
पूर्व मुख्यमंत्री राजे का जन्मदिन 8 मार्च को आता है, लेकिन इस बार वे 4 दिन पहले ही इसे सेलिब्रेट कर रही हैं। उनके समर्थक नेता इस दिन को खास तरीके से मनाने की तैयारी कर रहे हैं। कई राजनीतिक विश्लेषक इसे राजे के शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देख रहे हैं। वहीं राजे के जन्मदिन पर भी भाजपा की अंदरूनी रार सड़कों पर लगे पोस्टर्स में एक बार फिर से खुलकर सामने आती नजर आ रही है। दरअसल राजधानी से लेकर प्रदेशभर में लगे वसुंधरा राजे के जन्मदिन पोस्टर में से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां गायब हैं। उसमें भाजपा का कें द्रीय नेतृत्व मौजूद है, लेकिन भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां को जगह नहीं दी गई। इससे एक बार फिर सतीश पूनियां और राजे के बीच में गुटबाजी सामने आती दिख रही है।
प्रदर्शन की तारीख पर उठे सवाल
वसुंधरा राजे के जन्मदिन के समारोह को लेकर भाजपा कार्यकर्ता उधेड़बुन में हैं। पार्टी के विधानसभा घेराव की तय तारीख चार मार्च को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। क्योंकि राजे समर्थक पहले ही उनका जन्मदिन भव्य मनाने का ऐलान कर चुके थे। इसके बावजूद विधानसभा घेराव के लिए भाजपा प्रदेश नेताओं ने चार मार्च की तारीख का ऐलान करना कई तरीके के सवाल खड़े कर रहा है।
अपने विरोधियों को ताकत दिखाएगी राजे
बता दें कि 4 मार्च को वसुंधरा राजे के जन्मदिन पर चुरू के सालासर में एक भव्य समारोह आयोजित होगा। इस मौके पर सालासर में एक बड़ी जनसभा भी आयोजित की जाएगी। इसमें कम से कम एक से एक लाख लोगों की भीड़ जुटने की उम्मीद जताई जा रही है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वसुंधरा समर्थकों ने जन्मदिन मनाने के लिए चूरू को इसलिए चुना ताकि वे उनके विरोधी कहे जाने वाले नेताओं को अपनी ताकत से रूबरू करा सकें।
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