जयपुर। कांग्रेस विधायकों के साथ सत्ता और संगठन को लेकर पीसीसी वार रूम में वन-टू-वन चर्चा की जा रही है। सोमवार को 10 जिलों के विधायकों के साथ वन-टू- वन संवाद किया गया। इस बीच सोमवार को पायलट समर्थक विधायकों ने मुख्यमंत्री गहलोत, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मौजूदगी में पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को खरी-खोटी सुनाई। दरअसल, पायलट समर्थक विधायक हरीश मीणा जब फीडबैक देने गए तो डोटासरा ने रंधावा को उनके बारे में परिचय देते हुए बताया कि ये पहले डीजीपी रहे हैं।
बीजेपी से एमपी भी थे और यह मानेसर जाने वालों में भी थे। डोटासरा के मानेसर का जिक्र करते ही हरीश मीणा ने नाराज होते हुए कहा कि इस तरह बार-बार यह बोलेंगे तो जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा। हमें प्रियंका गांधी और अहमद पटेल को न बुलाने कर बात की थी। ये उनसे बड़े हो गए क्या? विधायक के तेवर बिगड़ते देख रंधावा ने हरीश मीणा को शांत किया और समझाया।
सचिन को साथ लेना जरूरी
वहीं पायलट विधायक राके श पारीक ने भी मानेसर मामले को लेकर कहा कि चुनावी साल में बार-बार मानेसर का जिक्र करके आप क्या संदेश देना चाहते हैं? जब राहुल गांधी ने सचिन पायलट को असेट बता दिया और अशोक गहलोत को भी असेट बता दिया तो अब ये सवाल उठाना ही गलत है। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में इस तरह की बातें नहीं की जानी चाहिए। इस तरह की बातें करके हम पार्टी को मजबूत नहीं कर रहे हैं। पायलट को भी साथ लेकर चलना होगा। अगर सचिन को साथ नहीं लिया तो सरकार नहीं बनेगी।
नाम लिए बगैर पायलट पर निशाना
भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच की मांग को लेकर अनशन करने वाले पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर एक बार फिर कैबिनेट मंत्री रामलाल जाट ने निशाना साधा है। रामलाल जाट ने सचिन पायलट कैंप का नाम लिए बगैर कहा कि हमारे दल में कुछ ऐसे नेता आ जाते हैं, जिससे पार्टी की बदनामी हो जाती है। रामलाल जाट ने आज वन-टू-वन संवाद के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही भ्रष्टाचार के खिलाफ है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेताओं को जेल तक भेजा है। वहीं जाट ने जिलों के गठन को लेकर भी फीडबैक और सुझाव दिए।
भाजपा ने एंटी इनकम्बेंसी को लेकर राज्य सरकार को घेरा
कांग्रेस विधायकों के वन-टू-वन संवाद में पूछे जा रहे सवालों को लेकर सरकार को घेरते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार हार के डर से विधायकों से बात कर रही है। विधायक सरकार से नाराज थे और सरकार को विधानसभा में घेर रहे थे। वे कह रहे थे कि अब कांग्रेस के सिटी बस में आने लायक विधायक जीतेंगे। कांग्रेस धर्म और जात देखती है। कांग्रेस का अपने विधायकों से जातीय आधार पर पूछा गया पहला सवाल ही समाज को तोड़ने की सोच का प्रमाण है। वहीं जयपुर ग्रेटर के उपमहापौर पुनीत करनावट ने कहा कि रायशुमारी का पहला प्रश्न ही विधायकों से उनके विधानसभा के जातिगत व धार्मिक आधार को लिए हुए है, जो साबित करता है कि कांग्रेस सरकार चुनाव में अपनी उपलब्धियों के बजाय जातीय व धार्मिक समीकरणों पर जाएगी।
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विधायकों ने रखी अपनी बात
संवाद में पंहुचे विधायकों ने सरकार द्वारा उठाए जाने वाले कदम को लेकर चर्चा की। इस दौरान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने मुख्यमंत्री के सामने बजरी की कीमतों में कमी करने का सुझाव दिया।वहीं विधायक दिव्या मदेरणा ने मुख्यमंत्री से सुरक्षा की मांग करते हुए सरकार की योजनाओंको पूरा करने और प्रशासन की कार्यप्रणाली और जनप्रतिनिधियों को लेकर शिकायत की। डेगाना से विधायक विजयपाल मिर्धा ने संवाद करने के बाद ड्राइवर मामले में कहा कि मामले में चाहे तो सीबीआई से जांच करवा ली जाए।अगर इस मामले में मैं दोषी साबित हुआ तो राजनीति से संयास ले लूंगा।