कोटा। कांग्रेस सरकार के मंत्री और विधायकों की एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी थम नहीं रही है। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की चेतावनी के एक दिन बाद ही कांग्रेस विधायक अमीन कागजी ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कोटा से ही सरकार बनाने की बात कही। कागजी ने जयपुर में यूडीएच अधिकारियों की कमी और कामकाज नहीं होने की बात कहते हुए कहा कि धारीवाल को सिर्फ कोटा की चिंता है।
जयपुर के विकास से उनका कोई सरोकार नहीं है, वो भले ही एक नंबर के मंत्री होंगे। राजस्थान में काम कर रहे होंगे, लेकिन हमें पता नहीं कि राजस्थान में उन्होंने कहां काम किया है, जहां तक जयपुर की बात है तो यहां उन्होंने कोई काम नहीं किया है। कागजी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे सवाल उठाते हुए कहा कि 10 महीने से एक्सईएन की मांग करने के बाद मंत्री स्पष्ट कहते हैं कि वो नहीं देंगे। सभी को कोटा ले जाओ, वहीं से सरकार भी बन जाएगी।
रंधावा के नेतृत्व पर उठ रहे सवाल
सरकार के कामकाज और एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने वालों को सख्त निर्देश देते हुए रंधावा ने कहा था कि जिन नेताओं ने बयानबाजी की है, उन को बुलाकर मैं बात करूं गा। अगर फिर भी अगर कोई बयानबाजी करेगा तो एक्शन तो करना ही पड़ेगा, लेकिन अगले ही दिन सरकार के खिलाफ बयानबाजी करने पर रंधावा के नेतृत्व पर भी सवाल उठ रहे हैं।
निगम में एक्सईएन-जेईएन नहीं
कागजी ने कहा कि निगम में न तो एक्सईएन हैं और ना ही जेईएन। बीते 10 महीने में यूडीएच मंत्री को 10 चिट्ठियां लिख चुके हैं। जयपुर में चार-चार सीट मिली, लेकिन निगम में एक्सईएन-जेईएन नहीं हैं। सरकार योजना बनाने के लिए पैसा देती है, लेकिन बिना एक्सईएन के योजना कैसे बनेगी? उन्होंने कहा कि सीवरेज के लिए 50 करोड़ मुख्यमंत्री से मंजूर कराकर आए। डेढ़ साल पहले मुख्यमंत्री ने बजट दे भी दिया, लेकिन इसका मंत्रीजी टेंडर नहीं करा पाए।
उन्होंने आरोप लगाया कि धारीवाल भेदभाव करते हैं, लोगों का घोर अपमान करते हैं। कागजी ने धारीवाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो जयपुर के प्रभारी मंत्री हैं, लेकिन एक मीटिंग नहीं ली। यहां निगम में कांग्रेस का बोर्ड बना दिया, चार-चार विधायक हैं, मेयर हैं, लेकिन एक्सईएन जेईएन नहीं देते। इसलिए अब मुख्यमंत्री से आग्रह करेंगे।