Exclusive: (कुणाल भटनागर) जयपुर: प्रदेश में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ियों को लेकर नित नए खुलासे होते जा रहे हैं। ‘सच बेधड़क’ ने शुक्रवार को पीटीआई भर्ती-2022 में हुए फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा किया है। दरअसल 5 हजार से अधिक पदों पर हुई पीटीआई भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट्स बैठने का मामला सामने आया है।
परीक्षा में डमी अभ्यर्थी के बैठने और परीक्षा पास करने का मामला सामने आने के बाद राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से डमी कैंडिडेट्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी, लेकिन एफआईआर पर जब ‘सच बेधड़क’ ने डमी कैंडिडेट के पूरे मामले की पड़ताल की तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए। खुलासे भी ऐसे जो कहीं ना कहीं पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े करता है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद भी क्यों नहीं हुई कार्रवाई?
डमी कैंडिडेट्स बैठने और धांधली होने की आशंका पर चयन बोर्ड ने 13 अक्टूबर को सांगानेर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। तीन माह के बावजूद भी पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की। पुलिस के पास डमी अभ्यर्थी की सभी जानकारी होने के बावजूद उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया। या परीक्षा देने वाले डमी अभ्यर्थी को क्यों नहीं पकड़ा गया।
केस 01
कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट 2022 में फिजिकल ट्रेनिग इंस्ट्रक्टर पद पर सुनील चौधरी ने एसएसओ आईडी चौधरी 2017 से आवेदन किया। इसी सुनील चौधरी ने वी. डी. ओ. भर्ती में भी आवेदन किया। दोनों भर्तियों में आवेदन में एसएसओ आईडी और सारी जानकारी एक समान है, लेकिन दोनों भर्तियों में फोटो अलग अलग व्यक्तियों की लगाकर परीक्षा दी गई।
केस 02
कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट 2022 में फिजिकल ट्रेनिग इंस्ट्रक्टर पद पर रिड़मल राम ने रिड़मल राम मांजू एसएसआईडी से आवेदन किया। वहीं इसी रिड़मल राम ने चयन बोर्ड की सीईटी भर्ती में एक समान एसएसओ आईडी से फॉर्म भरकर परीक्षा दी, लेकिन दोनों परीक्षाओ ने आं वेदन पत्र में परीक्षार्थी का फोटो अलग अलग लगा हुआ है।
केस 03
कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित वी.डी.ओ. भर्ती में अभ्यर्थी विमला पुत्री सोहन लाल ने विमला के नाम की एसएसओ आईडी से आवेदन किया। इसी विमला ने फिजिकल ट्रेनिंग इंस्ट्रक्टर डायरेक्ट रिक्रूटमेंट-2022 में फिजिकल ट्रेनिग इंस्ट्रक्टर पद पर समान जानकारी से आवेदन किया, लेकिन दोनों ही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थी ने अलग-अलग फोटो लगाकर परीक्षा दी।
केस 04
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की पीटीआई भर्ती परीक्षा में विकास गोदारा ने एसएसओ आईडी विकासरवार01 से आवेदन किया। वहीं पटवार भर्ती में विकास ने कबड्डीकिं ग0009 नाम की एसएसओ आईडी से आवेदन किया। दोनों भर्तियों में जानकारी समान है, लेकिन एसएसओ आईडी अलग अलग हैं। वहीं दोनों आवेदन फॉर्म में फोटो भी अलग अलग है। विकास ने पीटीआई भर्ती में चयनित होकर जॉइनिंग भी ले ली।
बड़ा सवाल: आखिर किसने दी परीक्षा!
परीक्षा में एक ही कैंडिडेट की अलग अलग फोटो लगाकर आवदेन फॉर्म भरा गया। परीक्षा 2022 में आयोजित हुई थी। ऐसे में इन परीक्षाओं में आखिर परीक्षा किसने दी। क्या परीक्षा डमी कैंडिडेट ने दी। यदि डमी कैंडिडेट ने परीक्षा दी तो इतनी सुरक्षा जांच होने के बावजूद पकड़ा क्यों नहीं गया। परीक्षा में नहीं पकड़ने के बाद चयन होने के बाद फिजिकल रूप में डॉक्यूमेंट वेरिफिके शन में भी इन डमी कैंडिडेंट की भनक आखिर चयन बोर्ड को क्यों नहीं लगी। आखिर किसकी शह पर भर्तियों में इतने बड़े स्तर पर घोटाला हुआ।
जिन पर 16 अभ्यर्थियों पर डमी कैंडिडेट होने का संदेह था उन पर हमने एफआईआर करवाई है, उसकी अब पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा। दोषी पाए जाने वाले कैंडिडेट चाहे जॉइन कर चुके हों, तो भी उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ऐसे कैंडिडेट को बर्खास्त किया जाएगा। हर एप्लीकेशन की जांच कर पाना संभव नहीं होता, शिकायत मिलती है तो पुख्ता जांच करते हैं। ऐसे मामलों में ज्यादातर अभ्यर्थी बात नहीं करते, इसलिए पुलिस की मदद ले रहे हैं। – आलोक राज, अध्यक्ष राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड