नई दिल्ली/बीकानेर। राजस्थान में छह दिन में दूसरी बार भूकंप के झटके महसूस हुए हैं। राजस्थान के बीकानेर में रविवार देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से 8 किलोमीटर नीचे था। हालांकि, अभी तक किसी भी प्रकार के जानमाल के नुकसान की जानकारी नहीं है। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप रविवार तड़के करीब 2:16 बजे आया। बीकानेर, जैसलमेर और उसके आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। एनसीएस ने ट्वीट कर बताया कि रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 थी। भूकंप की अक्षांश 28.40 और लंबाई 68.06, गहराई 8 किमी थी। इसका केंद्र बीकानेर से 516 किमी पश्चिम की ओर था। रविवार देर रात भूकंप के हल्के झटके आने से लोगों को पता नहीं चल सका।
अरुणाचल प्रदेश में भी महसूस किए गए भूकंप के झटके…
बीकानेर में देर रात आए भूकंप के झटकों से करीब आधा घंटे पहले अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। अरुणाचल प्रदेश में आए भूकंप के झटकों को रिक्टर स्केल पर तीव्रता 3.5 मापी गई।
बता दें कि इससे पहले शुक्रवार सुबह करीब 10:30 बजे मध्य प्रदेश के ग्वालियर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4 मापी गई थी। भूकंप का केंद्र ग्वालियर के दक्षिण पूर्व मे 28 किमी दूर जमीन से करीब 10 किमी अंदर था। इसी समय छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में भूकंप के झटके आए थे। इसका केंद्र सूरजपुर के भटगांव से 11 किलोमीटर दूर था।
50 सेकेंड तक हिलती रही धरती…
इससे पहले बीते मंगलवार की रात दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। मंगलवार रात करीब 10:17 मिनट पर आया था। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.6 थी। इसका केंद्र अफगानिस्तान के कलाफगन से 90 किमी दूर था। भूकंप के झटके करीब 50 सेकंड तक महसूस किए गए। भूकंप के वहज से लोग डर के मारे घर से बाहर निकल आए थे। मंगलवार को देर रात आए भूकंप के झटकों से भारत के अलावा तुर्कमेनिस्तान, कजाकिस्तान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, चीन और किर्गिस्तान तक में महसूस किए गए थे। इस भूकंप का असर भारत के जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और गुजरात में रहा था। राजस्थान में जयपुर, अलवर, जोधपुर, सीकर, उदयपुर, कोटा समेत सभी जिलों में झटके महसूस हुए थे। हालांकि भारत में इससे किसी तरह के जानमाल का नुकसान नहीं हुआ था, लेकिन अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जानमाल के नुकसान की खबरें आई थीं। पाकिस्तान में भूकंप के झटकों से करीब 10 लोगों की मौत हुई थी।
जानिए क्यों आता है भूकंप?
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप आने की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है।
दुनियाभर के अलग-अलग इलाकों में हर साल छोटे-बड़े भूकंप आते ही रहते हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों का कहना है कि दुनियाभर में हर साल लगभग 20 हजार से ज्यादा बार भूकंप आते हैं। इनमें कुछ तो मामूली होते हैं। जो सिस्मोग्राफ पर दर्ज भी नही हो पाते हैं। वहीं, कुछ इतने खतरनाक होते हैं कि जो भयंकर तबाही मचा देते हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार, भूकंप आने का मुख्य कारण धरती के अंदर की उथल-पुथल बताई जाती है। आखिर भूकंप क्यों और कैसे आते हैं। आइए इसके पीछे का वैज्ञानिक तर्क समझने की कोशिश करते हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों का मामना है कि धरती के अंदर हमेशा उथल-पुथल मची रहती है। जमीन के अंदर मौजूद 12 टैक्टोनिक प्लेटें होती हैं। प्लेटें लगातार आपस में टकराती या दूर खिसक रही होती हैं। इसी के चलते हर साल भूकंप आते रहते हैं।
जानिए कहां आते हैं सबसे ज्यादा भूकंप…
भूगर्भ वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा भूकंप इंडोनेशिया में आते हैं। यह देश रिंग ऑफ फायर में स्थित है, जिस कारण यहां ज्यादा भूकंप आते हैं। इसके अलावा जावा और सुमात्रा भी इसी क्षेत्र में आते हैं। प्रशांत महासागर के पास स्थित यह क्षेत्र दुनिया का सबसे खतरनाक भू-भाग कहा जाता है।