जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने प्रदेश के किसानों के कर्ज को लेकर भाजपा और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। गहलोत ने कहा कि ये लोग उद्योगपतियों का दस लाख करोड़ तक का कर्ज माफ कर सकते हैं लेकिन किसानों का कर्ज माफ करने की इनकी मंशा नहीं होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार बनी तो हमने दो दिन में अपना वादा निभाते हुए किसानों का 14 हजार करोड़ का कर्जा माफ किया।
इसके अलावा पिछली वसुंधरा सरकार की घोषणा का भी हजार करोड़ का कर्ज भी माफ किया। गहलोत ने कहा कि हम गोशाला में अनुदान दे रहे हैं। लंपी रोग में पशुपालकों की मदद कर रहे हैं, लेकिन गाय के नाम पर राजनीति भाजपा कर रही है। कांग्रेस ने कभी कहा क्या हमें गाय के नाम पर वोट दो। ये हमारा धर्म कहता है, हमारा कर्म कहता है।
रविवार को किसान सम्मेलन के समापन में गहलोत ने कहा कि प्रदेश के किसानों के जहां तक राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज का मामला है, हमने इसे लेकर कई बार मोदी सरकार को पत्र लिखा। हमने यहां तक कहा है कि आप बैकों से सेटलमेंट कर लो। किसानों के हिस्से की राशि राज्य सरकार दे देगी, लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं कर रही है।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में इनसे पूछा गया था कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तर्ज पर आप भी किसानों का कर्जा माफ करने की मंशा रखते हैं क्या? इस पर जवाब आया कि हम किसान का कर्जा माफ नहीं करेंगे और कर्ज माफ करना भी नहीं चाहिए।
मार्केटिंग में इनका कोई मुकाबला नहीं
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी कांग्रेस की सरकारें काम ज्यादा और मार्केटिंग कम करती हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काम कम और पब्लिसिटी ज्यादा करते हैं। मार्केटिंग में तो उनका कोई मुकाबला ही नहीं है। प्रधानमंत्री किसान के खाते में 4 महीने में 2-2 हजार भेजते हैं। मतलब साल के 6 हजार रुपए देकर वाहवाही लूट रहे हैं। अब इसके लिए कई दिन तक बड़े-बड़ेविज्ञापन आएंगे। फिर डीबीटी होगी तो उसकी खुशियां मनाई जाएंगी। हम किसान की 2000 यूनिट फ्री करके उसे 1800 रुपए प्रति माह का फायदा दे रहे हैं।
साल में यह फायदा 22 हजार का होता है। हमें भी गणित आती है। इस हकीकत को कोई झुठला नहीं सकता है। गहलोत ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पर निशाना साधते हुए कहा कि चंदा मांगने का उनका अलग तरीका है। पीयूष गोयल उद्योगपतियों के घर जाकर कहते हैं कि ऊपर से आपका नाम चंदा देने के लिए अप्रूवल हो गया है। यदि उद्योगपति चंदा दे दे तो ठीक नहीं देने पर धमकाते हैं।