चूरू। राजस्थान के चूरू जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य का अजीबोगरीब कारनाम सामने आया है। सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने बच्चों को रुपयों और परीक्षा में अच्छे नंबर देने का लालच देकर उनसे मजदूरी करवा ली। प्रधानाचार्य ने अपने फार्म हाउस में खड़ी बाजरे की फसल कटवा ली। मामला सामने आने के बाद अब आरोपी प्रधानाचार्य के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। शिकायत मिलने पर सीबीईओ ने स्कूल के प्रधानाचार्य को एपीओ कर दिया है। साथ ही उन्हें सरदारशहर सीबीईओ कार्यालय में अटैच किया है।
जानकारी के अनुसार, यह घटना जिले की सरदारशहर तहसील के गांव रूपलीसर के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल की है। यहां स्कूल के प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद शर्मा ने कक्षा 12वीं के छात्रों से मजदूरी करवाई। प्रधानाचार्य ने बच्चों को बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंक दिलवाने व मजदूरी देने की बात कहकर अपने निजी फॉर्म हाउस पर दो दिन तक बाजारे की फसल कटाई।
मामले की जानकारी लगने पर विद्यार्थियों समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण स्कूल के गेट पर ताला लगाकर विरोध प्रदर्शन कर प्रधानाचार्य को हटाने की मांग करने लगे। मामला बढ़ता देख सीबीईओ अशोक पारीक ने प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद शर्मा को प्रधानाचार्य जगदीश प्रसाद शर्मा को एपीओ कर सरदारशहर सीबीईओ कार्यालय अटैच किया है। सीबीईओ पारीक ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है, जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ग्रामीणों ने की प्रिंसिपल को हटाने की मांग…
इस दौरान धरने पर बैठे ग्रामीणों व छात्र-छात्राओं ने कहा कि प्रिंसिपल को इस स्कूल से नहीं हटाया जाता है तो ग्रामीणों के द्वारा फिर आंदोलन किया जाएगा। स्टूडेंट्स ने बताया कि प्रधानाचार्य सर ने कहा था कि हमारे खेत में बाजारे में फसल काटनी है। आपको बोर्ड की परीक्षा में अच्छे अंक मिलेंगे। काम के अनुसार मजदूरी भी देंगे। एक दिन काम किया, लेकिन कुछ नहीं दिया। बोले दूसरे दिन देंगे। अभी तक प्रिंसिपल ने कुछ नहीं दिया। सर ने बोला था कि फॉर्म हाउस में काम करने की बात घर में नहीं बतानी है। यह बात होने के बाद मामला बढ़ गया था।
स्कूल की टेबल, कुर्सी, अलमारी सहित अन्य समान बेचने का आरोप…
वहीं मामला सामने आने के बाद ग्रामीणों ने प्रधानाचार्य पर भष्ट्राचार का आरोप लगाया है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानाचार्य ने स्कूल से पुरानी टेबल, कुर्सी, लोहे की अलमारी सहित अन्य कीमती सम्मान बेच चुके है। ग्रामीणों के द्वारा बार-बार अवगत करवाने के बाद भी कोई स्कूल का बेचे हुए सामान का हिसाब सार्वजनिक रूप से नहीं दिखाया। इस मामले से पहले भी कई बार प्रधानाचार्य के साथ ग्रामीणों की नोक-झोक हो चुकी है। ग्रामीणों ने बताया कि यह संस्थाप्रधान पैसे के प्रति बहुत ही लालची है। एक गरीब को मजदूरी मिलती है लेकिन ये सरकार नौकरी में है, एक महिने में लाखों रुपयों की आवक है। फिर भी स्कूल के बच्चों से खेत में काम करवाते है।
प्रिंसिपल बोला-इससे पहले काम नहीं कराया…
वहीं इस मामले को लेकर आरोपी प्रधानाचार्य जगदीश शर्मा ने कहा कि बच्चों की मेरे साथ भावना जुड़ी हुई थी। इसलिए मेरे फॉर्म हाउस में काम किया था। बाजरे की फसल से सीट्टे तोड़े और कड़बी काटी गई। अब बच्चे नाराज है तो उनको मना लूंगा। उनका जो भी बनता है वो दे दूंगा। इससे पहले मैंने पहले कभी बच्चों से काम नहीं करवाया। अब हमारे विभाग जो भी कार्रवाई करेगा मुझे स्वीकार है।
सरपंच बोले-ग्रामीणों के कहने पर बाड़मेर से यहां लाए…
सरपंच श्यामलाल देग ने बताया कि हमारे गांव ने सोचा कि गांव का प्रधानाचार्य बाड़मेर लगा हुआ है। अगर वो यहां होंगे तो सुधार करेंगे। ग्रामीणों की मांग पर इनको गांव की स्कूल में लाए। अब स्कूल का माहौल खराब कर दिया है।
बच्चे पहले भी कटा चुके है टीसी..
ग्रामीणों का आरोप है कि प्रधानाचार्य जगदीश शर्मा बहुत ही लालची व्यक्ति है। छोटी-छोटी सामग्री में कमीशन लेने की आदत है। विद्यालय की विद्यार्थियों ने बताया कि छात्र कोष में खेल के पैसे आते है, वो हमारे को नहीं मिलते है। सर की स्कूल स्टाफ के साथ भी बिल्कुल तालमेल नहीं है। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि प्रिंसिपल जहां पर भी रहा है इसका कार्यकाल सही नहीं रहा। जिसके कारण इनको लंबे समय तक बाड़मेर, जैसलमेर में नौकरी करनी पड़ी। अब भी प्रधानाचार्य का रवैया नहीं बदला है, विद्यालय के छात्रों से अपने फार्म हाउस में बाल श्रम करवा रहे हैं।