Women Reservation Bill : नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र के चौथे दिन महिला आरक्षण बिल यानी नारीशक्ति वंदन अधिनियम-2023 को आज राज्यसभा में पेश किया गया है। बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि भारतीय संस्कृति में महिलाओं का हमेशा से बहुत बड़ा स्थान रहा है। हमने नारी को सदैव शक्ति और देवी का रूप माना है। साथ ही इस दौरान जेपी नड्डा ने राहुल गांधी को आईना दिखाते हुए कहा कि लीडर को लीडर बनना पड़ता है, ट्यूटर्ड स्टेटमेंट से काम नहीं चलेगा।
दरअसल, लोकसभा में बुधवार को चर्चा के दौरान राहुल गांधी ने सवाल उठाया था कि भारत सरकार के 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ तीन सेक्रेटरी ओबीसी हैं। जिसके जवाब में जेपी नड्डा ने कहा कि दो दिन से ही एक चर्चा चल रही है कि ओबीसी का ध्यान नहीं रखा गया। ओबीसी की चर्चा नहीं की जा रही है। राजनीति में ऐसे वक्तव्य चलते रहते है। लेकिन, वक्तव्य चलते-चलते यहां तक पहुंच गया कि 70 सेक्रेटरी में से तीन ही ओबीसी के है।
जेपी नड्डा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि नेहरूजी के समय की काका कालेलकर की रिपोर्ट, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय पर मंडल कमिशन कहां पड़ा हुआ था। क्या हुआ था इनका और इन पर क्या कर पाए थे। 1992 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप सर्विसेज में ओबीसी को रिजर्वेशन दिजिए। 1995-96 में एससी, एसटी और ओबीसी की कटेगरी ऑल इंडिया सर्विसेज में जुड़ी। आज सेक्रेटरी के इंप्लायट का कट ऑफ इयर 1992 है। लेकिन, जो सेक्रेटरी है वो, 1992 बैच के नीचे के लोग है।
उन्होंने विपक्ष से पूछा कि साल 2004 से 2014 तक कितने सेक्रेटरी ओबीसी थे और वो किस एरिया में थे। इसके बारे में बताए। लीडर को लीडर बनना पड़ता है, ट्यूटर्ड स्टेटमेंट से काम नहीं चलता। ट्यूटर्ड अगर कोई नेता हो तो वो भी समझ में आता है। लेकिन, अगर एनजीओ को लेकर आ जाते हो। जिन्हें ना अता, ना पता और ना ही सता। जिनको कोई जानकारी नहीं। वो आपको समझाते हैं और आप बोलते हैं- शैटर्ड एंड शॉक. अरे भैया शॉक तो लगेगा ही जब पढ़ोगे नहीं।