हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव में व्हिप जारी होने के बावजूद BTP यानि भारतीय ट्राइबल पार्टी के 2 विधायकों को नोटिस जारी किया गया है। जिसमें उनसे 15 दिनों में जवाब मांगा गया है। भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर वेलाराम घोघरा ने कहा कि विधायकों की ओऱ से व्हिप जारी किया गया था, उनसे राज्यसभा चुनावों में तटस्थ रहने को कहा गया था, लेकिन दोनों विधायकों रामप्रसाद डिंडोर और राजकुमार रोत ने पार्टी के खिलाफ जाकर कांग्रेस को मतदान किया था। जिसके बाद उन दोनों को नोटिस जारी किया गया है। अगर उन्होंने नोटिस का जवाब नहीं दिया तो उन पर कार्रवाई होगी।
BTP और कांग्रेस में क्या है विवाद
दरअसल 2020 में वेलाराम घोघरा ने डूंगरपुर जिले के कांकड़ी में हुए आंदोलन के दौरान आदिवासियों पर दर्ज मुकदमें वापस लिए जाने तक गहलोत सरकार का किसी भी तरह से साथ न देने का निर्णय किया था। जिसके बाद इस बार के राज्यसभा चुनाव में BTP के विधायकों ने पार्टी के व्हिप के खिलाफ जाकर कांग्रेस के पक्ष में वोटिंग की थी। यही नहीं दोनों विधायक पार्टी को बिन कुछ बताए कांग्रेस की बाड़ेबंदी में भी शामिल हो गए।
अशोक गहलोत के लिए क्यों है चिंता का विषय
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट खेमे के बगावत के समय BTP के दोनों विधायकों ने गहलोत का साथ दिया था। अब राज्यसभा चुनाव में भी उन्होंने गहलोत का ही साथ दिया। इससे अब आने वाले राष्ट्रपति चुनाव के समर्थन के लिए गहलोत BTP के दोनों विधायकों को अपने साथ ही मान रहे हैं, लेकिन इस BTP विधायकों को नोटिस मिलने के बाद गहलोत की चिंता बढ़ सकती है क्योंकि इस नोटिस पर कार्रवाई के डर से ये दोनों विधायक वापस BTP के पक्ष में ही कार्य कर सकते हैं। जिससे राष्ट्रपति चुनाव के लिए गहलोत के पास संख्या बल कम हो सकता है।