Rajasthan : आज सूबे के मुखिया सीएम गहलोत बूंदी के हिंडोली-नैनवां दौरे पर रहे। यहां उन्होंने लगभग 1512 करोड़ के विकास कार्यों का शिलान्यास किया। यहां उन्होंने जनसभा को भी संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने एक बड़ी घोषणा कर दी। जिससे प्रदेश के युवाओं के चेहरे खिल गए। वह ये कि सीएम गहलोत ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं की आयुसीमा में दो साल की छूट दे दी है।
दरअसल उन्होंने संबोधन में कहा था कि दो साल से कोरोना की वजह से प्रतियोगी परीक्षाओं का आय़ोजन नहीं हो पा रहा है। जिससे परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं में परेशानी देखी जा रही है। लेकिन उनकी समस्या का हल निकालते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं की आयुसीमा में दो साल की छूट दी जाएगी।
उन्होंने इस फैसले पर अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट भी किया है। उन्होंने लिखा कि कोविड के कारण दो सालों तक नौकरी के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को ऊपरी आयुसीमा में दो सालों की छूट दी जाएगी। गहलोत के इस फैसले से अब उन अभ्यर्थियों को एक आशा की किरण मिली जो आयुसीमा पूरी होने के चलते निराशा में थे। अब वे दोबारा अपनी तैयारी शुरू कर प्रतियोगी परीक्षा में बैठ सकते हैं।
इसके अलावा गहलोत ने एक और घोषणा की है। उन्होंने 2013 में आई केदारनाथ त्रासदी में जान गंवाने वाले और स्थाई रूप से लापता होने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक संबल देने के लिए अनुकंपा पर नियु्क्ति दी जाएगी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार बदलने पर इन नियुक्तियों को रोक दिया था। इसलिए अब मैं घोषणा करता हूं कि केदारनाथ त्रासदी के पीड़ितों के योग्य परिजनों को अनुकंपा पर नियुक्ति दी जाएगी।