Teesta Setalvad Case : गुजरात दंगों में जांच के दायरे में आई पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व IPS अधिकारी की जमानत याचिका सत्र न्यायालय में खारिज कर दी गई है। दरअसल गुजरात दंगों के मामले में तीस्ता सीतलवाड़ और गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार की अहमदाबाद के सेशन कोर्ट में पेशी हुई थी। इन दोनों ने अपनी जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल की थी। जो न्यायालय में खारिज कर दी है।
गौरतलब है कि अदालत ने पिछले हफ्ते तीस्ता सीतलवाड़ ( Teesta Setalvad ) , IPS अधिकारी आऱबी श्रीकुमार पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। जिसके बाद आज कोर्ट ने दोनों तो जमानत देने से इनकार कर दिया। तीस्ता को गुजरात ATS ने पिछले महीने में ही गिरफ्तार किया था। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने तीस्ता, श्रीकुमार और संजीव भट्ट के खिलाफ दंगों के बाद निर्दोष लोगों से पैसे ऐंठने पुलिस अधिकारियों, मंत्रियों-नेताओं को निशाना बनाने के लिए झूठे और मनगढ़ंत हलफनामे, बयान औऱ सबूत देने के मामले में केस दर्ज किया था।
दंगा पीड़ितों को न्याय के नाम पर किया था गुमराह
दंगा पीड़ितों के नाम पर न्याय प्रणाली को गुमराह करने की सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के अगले दिन ही तीस्ता को गुजरात ATS ने गिरफ्तार कर लिया है। तीस्ता के काले कारनामों का कच्चा चिट्ठा खोलने के लिए कभी तीस्ता के सहयोगी रहे लोग भी अब खुलकर सामने आने लगे हैं। इनमें से एक रईस खान पठान ने कहा है कि तीस्ता दंगा पीड़ितों के मार्मिक वीडियो बनाती थीं। इन वीडियो को वो अरब और दूसरे देशों में भेजती थीं और फंड की मांग करती थीं।
दंगा पीड़ितों को डराने को लेकर आरोपित डीजीपी ने भी भरी हामी
दंगा पीड़ितों को अपना गांव-छोड़कर तीस्ता अहमदाबाद में बसने के लिए कहती थीं। उन्हें यह कहकर डराया जाता था कि यहां हिंदू उन्हें छोड़ेंगे नहीं उन्हें मार डालेंगे। गुजरात के पूर्व महानिदेशक और आरोपित आरबी श्रीकुमार भी कई बार तीस्ता के साथ होते थे। पूर्व पुलिस अधिकारी होने के नाते असहाय पीड़ित भी उनपर भरोसा करते थे। लेकिन वह भी तीस्ता की हां में हां मिलाते थे।
दंगे की साजिश के लिए अहमद पटेल से लिए थे 30 लाख रुपए
SIT का कहना है कि तीस्ता गुजरात दंगे की साजिश का एक बड़ा हिस्सा थीं। उन्होंने कांग्रेस के दिवंगत नेता अहमद पटेल ( Ahmad Patel ) के कहने पर 2002 की गुजरात ( Gujrat ) में मोदी सरकार गिराने की साजिश रची थी। यही नहीं तीस्ता ने इस काम के एवज में 30 लाख रुपए भी लिए थे।
दरअसल 2002 के गुजरात दंगे ( Gujrat Riots ) को लेकर गुजरात SIT ने अहमदाबाद के एक सेशन कोर्ट में बीती 15 जुलाई को एक एफिडेविट दाखिल किया था। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ बड़ा खुलासा किया गया है। SIT का कहना है कि 2002 में गुजरात सरकार को बदनाम करने के लिए तीस्ता को कांग्रेस से फंड मिला था। SIT एफिडेविट के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सलाहकार अहमद पटेल के आदेश पर सीतलवाड़ को एक बार 5 लाख रुपए और एक बार 25 लाख रुपए दिए गए थे।