जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पर्यटन विभाग को उद्योग के रूप में मान्यता देने के बाद पर्यटन के उपयोग में ली जा रही भूमि पर भूमिकर में भी छूट देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के बाद पर्यटन के लिए उपयोग में ली जा रही भूमि को वाणिज्यिक के स्थान पर औद्योगिक मानते हुए भूमिकर की दर देय होगी।
सीएम गहलोत ने वर्ष 2022-23 के बजट में पर्यटन क्षेत्र को पूरी तरह उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की थी। पर्यटन को उद्योग का दर्जा मिलने के बाद अब 10 हजार वर्गमीटर से ऊपर की पर्यटन इकाइयों को 3 रूपए प्रति वर्गमीटर के स्थान पर 2 रूपए प्रति वर्गमीटर भूमिकर के रूप में देय होगा।
बता दें कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश सरकार द्वारा नई पर्यटन नीति जारी की गई है। राज्य में इको-टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में टूरिज्म सर्किट भी बनाए जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा पर्यटन इकाइयों से लिए जा रहे स्टाम्प ड्यूटी, पंजीयन शुल्क, विद्युत शुल्क, नगरीय विकास कर, भू-रूपान्तरण शुल्क की दरें भी औद्योगिक दरों के समान करने के आदेश व अधिसूचना पहले ही जारी की जा चुकी हैं।