जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा साबित करने के लिए किसी प्रमाण-पत्र की जरूरत नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ किए जाने को लेकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बयान कि इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए पर पलटवार करते हुए जोशी ने बुधवार को कहा कि ‘मैं तो (पार्टी की बयानबाजी न करने की) परामर्श से बंधा हुआ हूं। लेकिन जो यह बोले रह हैं, उन्हें खुद का पिछला इतिहास क्या रहा उसे देखकर बोलना चाहिए।
सचिन पायलट पर किया पलटवार
जोशी ने अप्रत्यक्ष रूप से पायलट पर पलटवार करते हुए शेर बोल कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि ‘बुत हमको कहे काफिर, अल्लाह की मर्जी …आदमी कोई हो, वह यह देखे कि उसका खुद का पिछला इतिहास क्या रहा है। उसके बाद आगे बोले। जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने जिस विनम्रता, शालीनता व शब्दों के साथ पार्टी आलाकमान से माफी मांगी, उससे उनका कद जनता की निगाह में बढ़ा है और कम नहीं हुआ। जो माफी की परंपरा को नहीं जानते, जो विनम्रता का सम्मान नहीं करते, उनकाे मैं कुछ नहीं कह सकता। जोशी ने कहा कि हमने जवाब दिया है, आलाकमान हम पर कार्रवाई करेगा, सजा तय करेगा तो हम सजा भुगतेंगे।
नोटिस मिलने का मतलब दोषी होना तो नहीं
सितंबर में मिले नोटिस को लेकर उन्होंने कहा कि सिर्फ नोटिस मिल जाना किसी को दोषी ठहराने के लिए पर्याप्त नहीं होता। इससे पहले बुधवार को पायलट ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गहलोत की बड़ाई किए जाने पर कटाक्ष करते हुए इसे ‘रोचक घटनाक्रम’ बताया और कहा कि इसे हल्केमें नहीं लेना चाहिए।