समय के साथ तकनीक में अपडेट होना आज की जरूरत है, लेकिन यह जरूरत किसी की परेशानियों का कारण बने और समय पर समाधान नहीं हो तो इससे गलत क्या हो सकता है। ऐसी ही स्थित इन दिनों प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एसएमएस की है, जहां इलाज के लिए आने वाले मरीज एसएमएस के सिस्टम से और बीमार होने को मजबूर है। एसएमएस अस्पताल में पुराने आरोग्य सिस्टम की जगह अपडेट किए गए नए सिस्टम ‘इंटीग्रेटेड हेल्थ मैनेजमेंट सिस्टम’ से मरीजों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नए सिस्टम का हो रहा विरोध
नया सिस्टम स्टाफ को अपनी एसएसओ आईडी से लॉगिन करना पड़ रहा है। इसका विरोध हो रहा है। वहीं, 15 दिनों से ट्रायल पर चल रहा आईएचएमएस सिस्टम अभी ठीक नही हुआ। इससे कभी रजिस्ट्रेशन, कभी बिलिंग तो कभी जांच रिपोर्ट निकालने में परेशानी हो रही है। बुधवार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्राचार्यने स्टाफ को समय पर काम करने के निर्देश दिए, लेकिन स्टाफ ने अपनी आईडी से लॉगिंन करने से इनकार कर दिया।
आईपीडी सिस्टम होगा ऑफलाइन
एसएमएस अस्पताल में नया आइएचएमएस सिस्टम उपयोग करने की तैयारी है, लेकिन आईपीडी में रिकॉर्ड, दवाइयों की डिमांग, स्टोर रिकॉर्ड सहित अन्य कार्यों के लिए स्टाफ की एसएसओ आईडी से आइएचएमएस को लॉगिंन करना आवश्यक है। इसको लेकर विरोध किया जा रहा है। स्टाफ का कहना है कि डॉक्टर की आईडी से यह लॉगिंन होना चाहिए या सभी जगह के लिए अलग अलग आईडी बनाई जाए, ताकि कर्मचारियों की प्राइवेसी लीक नहीं हो। इसे लेकर गुरुवार को डॉक्टर्स के साथ बैठक आयोजित होगी।
स्टाफ की ट्रेनिंग, ओटी, आईपीडी फार्मेसी को जोड़ना बाकी
अस्पताल के स्टाफ को ट्रेनिंग दिए बगैर ही नया सिस्टम शुरू करने से काम में समय अधिक लग रहा है। वहीं, अभी भी कई जगह नया सिस्टम अपग्रेड किया जाना बाकी है। ऐसे में इसे शुरू करने के बाद सभी जगह मरीजों को परेशानी हो रही है। ऐसे में पूरा सिस्टम ठीक करने में अभी भी करीब 2 माह तक का समय लगेगा । जल्द स्टाफ को नए सर्वर सिस्टम की ट्रेनिग भी दी जाएगी ताकि कोई समस्या नहीं आए।
आईएचएमएस का 70 फीसदी काम हुआ पूरा
एसएमएस अस्पताल में 15 अक्टूबर से आईएचएमएस सिस्टम ट्रायल पर शुरू किया था, लेकिन रोजाना 10 हजार से अधिक मरीज आने वाली जगह पूरा काम किये बगैर नया सिस्टम शुरू करने से रोजाना हजारों मरीजों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। एसएमएस अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनिल दबे ु ने बताया कि आईएचएमएस सिस्टम नया शुरू किया है, जिसमे कई समस्याएं अभी आएं गी। अभी तक एसएमएस के ओपीडी, रजिस्ट्रेशन, बिलिंग, इमरजेंसी और आरएमएससीएल द्वारा निर्धारित दवाइयों की सूचना ही नए सिस्टम में डाली गई है। अभी अस्पताल की सभी लैब का काम किया जा रहा है। इससे मरीजों को भी परेशानी हो रही है। अभी तक पूरे अस्पताल में आईएचएमएस का करीब 70 फीसदी काम ही पूरा हो सका है।
जांच में समस्या, प्रोसेसिंग बढ़ने से काम हुआ धीमा
आईएचएमएस ठीक से काम नहीं करने के कारण मरीजों को अब अपनी जांच रिपोर्ट के लिए एसएमएस हॉस्पिटल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस सिस्टम में अभी कई ऐसी खामियां भी रह गईं, जिससे हॉस्पिटल के अंदर ही से बिल जनरेट करने, लैब में सैंपल की जांच करने में कई समस्याएं आ रही है। माइक्रोबायोलॉजी लैब में नए सिस्टम के शुरू करने से जांच का प्रोसेस थोड़ा बढ़ गया है। ब्लड की सामान्य जांच (सीबीसी, शुगर, एलएफटी-आरएफटी समेत अन्य) करने में 2 स्टेप लगते थे, उसके लिए 5-6 स्टेप से गुजरना पड़ रहा है। इससे समय ज्यादा लग रहा है। इसके साथ ही सॉफ्टवेयर नया है और कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी ठीक नहीं मिली, जिससे जांचों में ज्यादा समय लग रहा है। पुराने सिस्टम में क्यूआर स्कैन करने और सीआर नम्बर लगाते ही मरीज की डिटेल प्राप्त होती थी, जिससे कई काम आसानी से होते थे।