Weather Update : जयपुर। प्रदेशभर में गुरुवार रात आए तेज अंधड़ ने जमकर कहर बरपाया। तूफानी बारिश के चलते प्रदेशभर में 14 लोगों की मौत हो गई। वहीं, एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। प्रदेशभर में देर शाम मौसम ने फिर पलटी खाई। तूफानी बारिश से राजधानी जयपुर, दौसा, टोंक, भरतपुर, अलवर, बाड़मेर, बारां, सवाई माधोपुर, सीकर, अजमेर, करौली, धौलपुर सहित कई जिलों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। बारिश ने सबसे ज्यादा टोंक जिले में कहर बरपाया। तूफानी बारिश के बीच जगह-जगह लगे टिन शेड के अलावा होर्डिंग्स और बैनर उड़ गए। वहीं, अधिकतर जगह हजारों पेड़ और बिजली के पोल उखड़ गए। हालांकि, मौसम के बदले मिजाज से आज भी राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 12 जिलों में तेज बारिश और ओलावृष्टि का येलो अलर्ट जारी किया है।
जानकारी के मुताबिक तूफानी बारिश के चलते सबसे ज्यादा 12 लोगों की मौत टोंक जिले में हुई और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। टोंक शहर में टीनशेड का मकान धराशायी होने से दादा सहित पोते-पोती की मौत हो गई। वहीं, कहीं दीवार गिरने और कहीं टीनशेड उड़ने के कारण निवाई में दो बच्चों समेत 3 की मौत हो गई। मालपुरा में 2, टोकरावास, आवां, टोडारायसिंह और उनियारा में 1-1 की जान गई है। इधर, श्रीगंगानगर जिले में घर की दीवार गिरने से एक किशोरी की मौत हो गई। वहीं, अजमेर के देव खेड़ी गांव में बारिश के दौरान पेड़ आकाशीय बिजली गिरने से पेड़ के नीचे बैठे एक किसान की मौत हो गई। जयपुर के दूदू में दीवार गिरने और टीनशेड उड़ने से 15 बकरियों की मौत हो गई। इसके अलावा कई जिलों में तेज अंधड़ के चलते सैकड़ों पक्षियों की जान चली गई। भरतपुर जिले के नदबई क्षेत्र के निकटवर्ती गांव लुहासा में पाटोर की पट्टी टूटकर गिर गई। जिससे नीचे खड़ा ट्रैक्टर क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि, गनीमत रही की कोई बड़ा हादसा होने से टल गया।
बारिश के साथ कई जगह गिरे ओले
तूफानी बारिश से जगह-जगह लगे टिन शेड के अलावा होर्डिंग्स और बैनर उड़ गए, कई जगह पेड़ भी गिर गए। प्रदेशभर में डेढ़ दर्जन से भी अधिक जगहों पर देर रात तक बारिश जारी रही। राजधानी समेत शेखावाटी और उत्तरी राजस्थान के आधा दर्जन से अधिक इलाकों में देर रात ओले भी गिरे। राजधानी में भी देर रात तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश शुरू हो गई और कई जगह चने के आकार के ओले भी गिरे। दूसरी तरफ, राजधानी में गुरुवार रात 96 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं के कारण जो लोग घरों से बाहर थे, उनका घर पहुंचना मुश्किल हो गया। शहर की सभी पुलिया लोगों की शरणगाह बन गईं।
दूदू में 15 बकरियों में की मौत, चाकसू में मोबाइल टावर गिरा
राजधानी जयपुर सहित ग्रामीण इलाकों बीती रात को आए तेज अंधड़ ने जमकर कहर बरपाया। दूदू के महेशपुरा में तेज अंधड़ व तूफानी बारिश से जयनारायण बलाई की 15 बकरियों की मौत हो गई। कई जगह पेड़ गिरने से सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया है। चाकसू में 70 मीटर ऊंचा मोबाइल टावर गिर गया। हालांकि, गनीमत रही की टावर मकानों से दूर जाकर गिरा। ऐसे में बड़ा हादसा होने से टल गया। वहीं, कस्बे सहित ग्रामीण इलाकों में बिजली पोल व सैकड़ों पेड़-पौधे धराशायी हो गए। कई कच्चे मकानों के टीनशेड उड़ गए। वहीं, पक्के घरों को भी नुकसान हुआ। रातभर बिजली गुल होने से लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बारिश-तूफान से बिजली सप्लाई सिस्टम को बड़ा नुकसान
राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में देर रात हुई तूफानी बारिश के चलते कई इलाकों में बिजली पोल और लाइन टूटकर गिर गए। राजधानी जयपुर में ही बरसात के बाद रात भर कई कॉलोनी में बिजली गुल रही। कहीं पर फॉल्ट तो कहीं पर पावर सिस्टम की दिक्कत से बिजली सप्लाई सुबह तक बाधित रही। प्रभावित उपभोक्ता जयपुर डिस्कॉम के कॉल सेंटर पर लगातार कॉल कर रहे है। लेकिन, एक साथ आई शिकायतों के चलते अधिकांश उपभोक्ताओं को निराशा मिली। कई कॉलोनियों में पूरी रात भर से बिजली आपूर्ति बाधित है। वहीं, ग्रामीण इलाकों में तो हाल-बेहाल है। जगह-जगह बिजली पोल और लाइनें टूटने से रातभर बिजली गुल रही। कई जगह तो अभी तक भी बिजली सप्लाई चालू नहीं हुई है। निगम के कर्मचारी लगातार पोल लगाने के साथ ही फाल्ट ठीक करने में लगे हुए है। माना जा रहा है कि शाम तक प्रदेशभर के ग्रामीण इलाकों में बिजली सप्लाई फिर से शुरू हो जाएगी।
आज इन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट
राजस्थान में 24 मई से सक्रिय हुए पश्चिमी विक्षोभ का असर आज भी बना रहेगा। मौसम विभाग ने आज प्रदेश के 12 जिलों में आंधी-बारिश और ओलावृष्टि का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के मुताबिक आज जयपुर, अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, नागौर, बूंदी, कोटा, बारां, टोंक, अजमेर, सवाईमाधोपुर जिले और आसपास के क्षेत्रों में कहीं-कहीं मेघगर्जन के साथ बारिश होगी। वहीं, आकाशीय बिजली गिरने के साथ ओलावृष्टि होगी। साथ ही 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है।