भरतपुर। समाजवादी आंदोलन के अग्रणी नेता और भरतपुर के पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि इंग्लैंड की जनता ने भारतीय मूल के भारतवंशी ब्रिटेन के नागरिक ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाकर वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा को मजबूत करने का काम किया है जिसका हमें स्वागत करना चाहिए। पंडित रामकिशन ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि वसुधैव कुटुंबकम् की बात दुनिया में सबसे पहले भारत की तरफ से की गई थी। लेकिन भारत में अब इस धारणा के विपरीत कुछ लोगों का आचरण दिखाई दे रहा है।
सोनिया गांधी को पीएम बनाने पर भाजपा ने किया था विरोध
उन्होंने कहा कि दुनिया के तमाम संपन्न राष्ट्रों में भारतीय मूल के लोगों को वहां की जनता ने महत्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर बैठाकर सेवा करने की जिम्मेदारियां दी हैं। लेकिन हिंदुस्तान में एक बार ऐसा मौका आया था, जब सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की बात चल रही थी। उस वक्त हमारे देश में भाजपा के अलावा भी कई लोग ऐसे थे जिन्होंने सोनिया गांधी को विदेशी कहकर इसका विरोध किया था।
शरद पवार ने बना ली थी अलग पार्टी
पूर्व सपा सांसद ने कहा कि उस वक्त भाजपा की नेता स्वर्गीय सुषमा स्वराज ने तो यहां तक घोषणा कर दी थी कि अगर सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बना दिया गया तो मुंडन करा लेंगी। तो वहीं शरद पवार ने भी इसी बात को लेकर कांग्रेस से अलग पार्टी बनाई थी। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी ने भी भारत की नागरिकता ग्रहण कर ली थी और एक भारतीय महिला की भांति ही आज भी उनका आचरण है।
इंग्लैंड के लोगों ने सुनक को पीएम बनाकर मिसाल की कायम
पूर्व सांसद पंडित रामकिशन ने कहा कि आज की स्थिति में ऑस्ट्रेलिया कनाडा,ब्रिटेन,अमेरिका जैसे संपन्न राष्ट्रों में अब बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग बस गए हैं जो सत्ता की धुरी हैं और वहां की जनता ने उन्हें महत्वपूर्ण राजनीतिक पद भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के लोगों ने ऋषि सुनक को प्रधानमंत्री बनाकर मिसाल कायम की है जो अंतर्राष्ट्रीयता की ओर बढ़ता कदम है साथ ही अमेरिका में भी वहां के लोगों ने भारतीय मूल की कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति बनाकर यही संदेश दिया है।