जयपुर। संविदाकर्मियों ने राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश के कोने-कोने से आए संविदाकर्मियों ने आज जयपुर के विद्याधरनगर में रैली निकाली। उन्होंने संविदाकर्मियों को नियमित करने समते कई मांगों के लिए आवाज उठाई। उन्होंने सरकार से सर्विस रूल्स को बदलने की मांग भी उठाई। उन्होंने कर्मचारियों को अगले 5 साल तक संविदा पर ही रखने का विरोध जताया। बता दें कि इस महारैली में हजारों संविदाकर्मी शामिल हुए हैं। इनमें पंचायतीराज, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग सहित अल्पसंख्यक विभाग के शिक्षाकर्मी शामिल हुए। इस महारैली में बड़ी संख्या में महिला संविदाकर्मी भी शामिल हुईं।
गौरतलब है कि संविदा कर्मी अपने नियमित होने के लिए सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। अब पहली चेतावनी के तौर पर सभी संविदा कर्मी आज सामूहिक अवकाश लेकर जयपुर पहुंचे हैं। यहां विद्यानगर स्टेडियम में प्रदर्शन व सभा के बाद रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें प्रदेश भर से सभी विभागों में कार्यरत संविदा कर्मी जयपुर पहुंचे हैं। हालांकि गहलोत सरकार ने वादा किया है कि वे संविदा कर्मियों को नुकसान नहीं होने देंगे लेकिन कार्मिक केवल एक मांग कर रहे हैं कि उन्हें नियमित किया जाए।
इसलिए कर रहे हैं विरोध
प्रदर्शन कर रहे संविदाकर्मियों का कहना है कि राज्य में विभिन्न विभागों में संविदा कार्मिक वर्षों से कार्य कर रहे हैं। पंचायती राज विभाग, शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने इन कार्मिकों की संख्या सबसे अधिक है। विगत दिनों राज्य सरकार की ओर से संविदा रूल्स लागू कर घोषणा की गई कि सभी को नियमित कर दिया गया है। इसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी मीडिया में विज्ञापन जारी कर किया गया।
यही नहीं राज्य के बाहर भी इसको प्रचारित किया गया कि सभी संविदा कर्मियों को नियमित कर दिया गया है। लेकिन संविदाकर्मियों का कहना है कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। बल्कि इससे तो हमें नुकसान ही है। इनके अनुसार, जो कार्मिक वर्षों से कार्य कर रहे हैं उनका अनुभव शून्य हो जाएगा, वेतन कम हो जाएगा, आगामी मानेदय में बढ़ोतरी नहीं होगी, टीए-डीए कम हो जाएग और आकस्मिक अवकाश भी 25 से घटाकर 12 कर दिए गए हैं। यही नहीं रूल्स के अनुसार संविदा कर्मियों को न तो दुर्घटना बीमा दिया गया है, न आरजीएचएस में शामिल किया गया है और न ही ओपीएस लागू है।
आर-पार की लड़ाई में संविदाकर्मी
इसी तरह अनुकंपा नियुक्ति, एचआरए, ग्रेज्यूटी आदि का कहीं कोई जिक्र नहीं है। इसलिए हम संविदाकर्मी नियमित होने की जगह खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। इसके चलते कार्मिकों में भारी रोष है। आपको बता दें कि राज्य में करीब 17 वर्षों से अधिक समय से विभिन्न विभागों में कार्य कर रहे हैं। संविदाकर्मियों का कहना है कि अन्य राज्यों में संविदा कर्मियों को स्थाई किया गया है या स्थाई कर्मियो के समकक्ष समस्त लाभ दिए गए हैं।