आम आदमी पार्टी ने इस बार राजस्थान की पूरी 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया था, अब पार्टी इसे मूर्त रूप देने में लगी हुई है। इसी कड़ी में आज राजस्थान आप में प्रदेश अध्यक्ष विनय मिश्रा की मौजूदगी में पूर्व भाजपा और बीटीपी विधायक देवेंद्र कटारा समेत 9 आदिवासी नेताओं ने पार्टी का दामन थाम लिया है। इसके साथ ही विनय मिश्रा ने संकेत दे दिया है कि आने वाले समय में और भी बड़े चेहरे पार्टी में शामिल होंगे।
भाजपा के खिलाफ हमेशा मुखर रही है आप
विनय मिश्रा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अडाणी-हिंडनबर्ग वाले मामले में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आवाज उठाई, सड़क से लेकर संसद कर प्रदर्शन किया। दिल्ली नगर निगम चुनाव में हमारे पार्षदों पर इन्होंने लाठियां तक चलवा दी थी। लेकिन इन सब से आम आदमी पार्टी डरने वाली नहीं है। वह गलत के खिलाफ लड़ती रहेगी।
विनय मिश्रा ने कहा कि आज हमारी पार्टी में आज कद्दावर नेता शामिल हो रहे हैं। भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रह चुके देवेंद्र कटारा जो भाजपा और बीटीपी से विधायक रह चुके हैं, विनय ने कहा कि देवेंद्र के साथ ही काफी ऐसे लोग जिन्होंने ट्राइबल्स के लिए काफी लड़ाई लड़ी है। वे भी हमारी पार्टी में शामिल हो रहे हैं। देवेंद्र ने पार्टी में शामिल हुए सभी सदस्यों को आप की टोपी और पटका पहनाकर स्वागत किया साथ में यह भी कहा कि जल्द ही आपके सामने ऐसे और चेहरे आएंगे।
ये लोग हुए पार्टी में शामिल
महेंद्र सिंह राव, पूर्व जिलाध्यक्ष, NCP डूंगरपुर, वर्किंग कमेटी के सदस्य, जावर सिंह खीचड़, कांग्रेस के पदाधिकरी, वर्तमान में सहकारी समिति के उपाध्यक्ष, रूपलाल डोढ़ा, जिलाध्यक्ष राजस्थान आदिवासी संघ, डूंगरपुर, धर्मेंद्र ननोमा, पूर्व भाजपा युवा मोर्चा मंडल उपाध्यक्ष, डूंगरपुर, रूपशंकर, पूर्व मंडल उपाध्यक्ष, डूंगरपुर, अमरदीप भगोरा, पूर्व मंडल उपाध्यक्ष, भाजपा बिछिवाड़, देवीलाल कुरेड़, सरपंच, मोहनलाल दामोर , देवेंद्र हारे, अभिषेक मोड़िया पार्टी में शामिल हुए।
‘भाजपा ने आदिवासियों को नक्सली कहकर गाली दी’
सदस्यता लेने के बाद देवेंद्र कटारा ने कहा कि गुजरात चुनाव के दौरान केजरीवाल की गारंटी स्कीम्स से वे काफी प्रभावित हुए हैं, उदयपुर संभाग की लजनता को लाभ मिलेगा इसलिए हमने पार्टी को ज्वाइन किया है। उदयपुर ने केजरीवाल पर भरोसा जताया है। बिना प्रचार किए चलकर लोग हमारे साथ आ रहे हैं। कहीं हम अकेले न रह जाए इसलिए हम भी आ गए। भाजपा ने आदिवासियों को नक्सली कहा था और गाली दी थी इसलिए अब भाजपा को छोड़कर आप के साथ आ रही है। बीटीपी के साथ आम आदमी के लिए योजना नहीं है। वो चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत सकते।